उठी कलम | Kavita Uthi Kalam

उठी कलम ( Uthi Kalam )   उठी कलम चली लेखनी कविता का स्वरूप हुआ। शब्द सुसज्जित सौम्य से काव्य सृजन अनूप हुआ। टांग खींचने वाले रह गए...

महकती सांसों में तुम्हें बसा लूं | Mahakati Saanson Mein

महकती सांसों में तुम्हें बसा लूं ( Mahakati Saanson Mein Tumhe Basa Loon ) मेरी महकती सांसों में तुम्हें बसाके रखूंगा। सांसों की सरगम सजीली बना...

ठाकुर आनंद सिंह शेखावत जी | Thakur Anand Singh Shekhawat ji

ठाकुर आनंद सिंह शेखावत जी  ( Thakur Anand Singh Shekhawat ji )   सनातन संस्कृति के पोषक भरा दिव्य ज्ञान का भंडार। नवल कुंज हो संतों की सेवा...

मोबाईल की महिमा | Kavita Mobile ki Mahima

मोबाईल की महिमा ( Mobile ki Mahima )   कितना प्यारा है कितना न्यारा है सबके आंखों का तारा है तू! क्या बच्चे क्या व्यस्क क्या बालायें क्या बूढे उंगलियां उनके नीचे सदा दिन-रात घनघनाती बच्चे गेम्स में व्यस्क...

आमचुनाव | Kavita Aam Chunav

आमचुनाव ( Aam chunav )   फिर आमचुनाव ये आया है, सरकार ने बिगुल बजाया है। मतदारों कुछ तो नया करो, देश का कुछ तो भला करो।डीजल, पेट्रोल फिर...

उसकी औकात | Kavita Uski Aukat

उसकी औकात ( Uski Aukat ) करते हैं काम जब आप औरों के हित में यह आपकी मानवता है करते हैं आपके लिए लोग जब काम तो यह...

जीवन की शुरुआत | Jeevan ki Shuruaat

जीवन की शुरुआत ( Jeevan ki Shuruaat ) हम हरदम ही हारे ज़माना हमेशा हमसे जीत गया, हार जीत के इस खेल को खेलते जीवन बीत...

पहचान | Kavita Pahchan

पहचान ( Pahchan )   हम खामोश ही रहे और वो बोलते चले गए शुरू हि किया था हमने बोलना और वो उठकर चले गए यही हाल है आजकल के...

स्पृहा नीरव पथ पर, नेह अमिय स्पंदन

स्पृहा नीरव पथ पर,नेह अमिय स्पंदन   उर तरंग नवल आभा, प्रसून सदृश मुस्कान । परम स्पर्शन दिव्यता, यथार्थ अनूप पहचान । मोहक स्वर अभिव्यंजना, परिवेश सुरभि सम चंदन । स्पृहा नीरव...

अप्रेल फूल | एक हास्य कविता

अप्रेल फूल ( April Fool ) कुंवारे पन से जब मैं एक दिन ऊब गया, फिल्मी माहौल में तब पूरी तरह डूब गया! बॉलीवुड का जब मुझ...