भोर तक

भोर तक | Kavita Bhor Tak

भोर तक ( Bhor Tak )   लोग तो बदल जाते हैं मौसम का रंग देखकर मगर तुम न बदलना कभी मेरा वक्त देखकर बड़े नाज़ों से पाला है, यकीं हो न हो तुम्हें शायद पर तुम न बदलना कभी जमाने का ढंग देखकर सूरत हो कैसी भी आपकी, दिल से प्यारी मुझे समझ लेना…

Kavita aasman tak

आसमान तक पहुंच हो

आसमान तक पहुंच हो   आसमान तक पहुंच हो, धरती पर हो पांव। कर लो शुभ कर्म ऐसे, रोशन हो जाए गांव। कीर्ति पताका नभ छाए, दुनिया में हो नाम। आओ मिलके हम करें, परोपकार के काम। लाठी का सहारा बने, स्नेह की बहती धारा। बस जाए दिलों में हम, आंखों का बन तारा। दुआओं…

चुनाव क्यों न टले

जय-जय मतदाता | Kavita Jay Jay Matdata

जय-जय मतदाता (  Jay Jay Matdata )   जय-जय मतदाता, पढ़ उनका बही-खाता, नेता होते सयाने, नेता होते सयाने, तू देश का निर्माता…..जय-जय मतदाता.. जय-जय मतदाता, पढ़ उनका बही-खाता, नेता होते सयाने, नेता होते सयाने, तू देश का निर्माता…..जय-जय मतदाता.. चाटुकारिता, लालच से फिर देखो तुम बचना, देश की हो तुम ताकत,देश की हो तुम…

Kavita Aao Bewajah Baat Karen

आओ बेवजह बातें करें | Kavita Aao Bewajah Baat Karen

आओ बेवजह बातें करें ( Aao Bewajah Baat Karen )   आओ बैठो बेवजह बातें करते हैं। जीवन में कुछ सुनहरे रंग भरते हैं। मुस्कुराता चेहरा चमक सा जाए। हंस हंसकर हल्का दिल करते हैं। थोड़ा तुम कहो थोड़ी सुन लो हमारी। दर्द की दास्तान कह दो पीड़ाएं सारी। अफसाने हमारे ना तुमको रुला पाए।…

अंतर लहरें उठ रही हैं

अंतर लहरें उठ रही हैं, नेह के स्पंदन में

अंतर लहरें उठ रही हैं, नेह के स्पंदन में   मन गंगा सा निर्मल पावन, निहार रहा धरा गगन । देख सौम्य काल धारा, निज ही निज मलंग मगन । कर सोलह श्रृंगार कामनाएं, दृढ़ संकल्पित लक्ष्य वंदन में । अंतर लहरें उठ रही हैं, नेह के स्पंदन में ।। नवल धवल कायिक आभा, स्नेहिल…

Acharya Shri Mahapragya Ji

आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी | Acharya Shri Mahapragya Ji

आचार्य श्री महाप्रज्ञ जी  ( Acharya Shri Mahapragya Ji ) ( 2 ) महाप्रज्ञजी का ध्यान धर ले । कर ले अंतर में होश धर ले मन में संतोष । सच्चा सुख वही पायेगा । महाप्रज्ञजी का ध्यान धर ले । जग में जीना है दिन चार । धर्म से पावन कर ले अपने मन…

Matdan ka Mahakaj

चुनाव परीक्षा पर्व | Kavita Chunav Pariksha Parv

चुनाव परीक्षा पर्व  ( Chunav Pariksha Parv )   कल चुनाव परीक्षा पर्व है हमारा आप पर गर्व है तैयारी करो तन मन से उत्तीर्ण होना परीक्षा पर्व है मानस बना दो चित्त से अंक अनंत परीक्षा पर्व है हर बूथ परीक्षा क़ेंद्र मज़बूत करना मतदान परीक्षा पर्व है तरक़्क़ी वास्ते परीक्षा पास ज़रूरी बनोगे…

Kavita Maa ki Yaadein

माँ की यादें | Kavita Maa ki Yaadein

माँ की यादें ( Maa ki Yaadein ) ( 3 ) जिनकी मां स्वयं, वृद्धाश्रम की चौखट पर, बेटे को याद करते हुए, जीवन गुजार दिया था । देख रहीं थीं मां अपलक, बेटे को दूर और दूर जाते, मां को यू अकेले ही छोड़ते, ‌‌बेटे को थोड़ी दया नहीं आई। आज उसके बेटे ने,…

Zara si Aankh Kya Lagi

जरा सी आंख क्या लगी | Zara si Aankh Kya Lagi

जरा सी आंख क्या लगी ( Zara si Aankh Kya Lagi )   जरा सी आंख क्या लगी शाम ढलने लगी। सिंदूरी होकर हसीन सी वह मचलने लगी। रजनी आई रूप धरकर फिर सजने लगी। नींद के आगोश में घंटियां भी बजने लगी। अंधियारी रात हुई नभ में घटाएं छाने लगी। सपनों की मलिका मस्त…

Kavita Basta

बस्ता | Kavita Basta

बस्ता ( Basta )   पीठ पर लादे गोवर्धन-सा बड़ा बस्ता दीखे गिरिधर आ रहे हैं श्यामसुंदर चढ़ रहे वे सोपान शिक्षा के डगमगाते पांव पतले कांपते-हांफते तीसरी में ही ग्ए बन गए हैं फायियान ढ़ो रहे – संसार भर का ज्ञान पूरी पढाई कर निकले जब स्कूल से बन गए हैं बोनसाई शेखर कुमार…