मन्नत | Poem Mannat

मन्नत ( Mannat )   खूबसूरत है वो कुदरत मखमली लिबास हो जिसका, क्या मन्नत मांगू उस कुदरत से नाम ओंठो पर जिसका। मैं बात करूं तो कुदरत...

नन्हीं लाडली | Nanhi Ladli

नन्हीं लाडली ( Nanhi Ladli ) अम्मा की लाडली…अब्बा की प्यारी थी मैं, थोड़ी नटखट सी…थोड़ी गुस्से वाली थी मैं,मेरे अपनों के दिलों पे बस मेरा...

मेरी प्यारी माँ | Meri Pyari Maa

मेरी प्यारी माँ ( Meri Pyari Maa ) रोज़ ही धीमे कदमों से मेरे ख़्वाबों में आती है, हौले-हौले सुरो में "लोरी" वह मुझे सुनाती है, दुनिया...

बिल्कुल फींके-फींके हैं ईद के लम्हात भी

बिल्कुल फींके-फींके हैं ईद के लम्हात भी   किस हद तक बदल गए हैं, गांव के हालात भी, बिल्कुल फींके-फींके हैं, ईद के लम्हात भी। कल तक जो...

इल्म की रौशनियाँ | Ilm ki Roshniyan

इल्म की रौशनियाँ ( Ilm ki Roshniyan )   सही रास्ते की पहचान कराए इल्म की रौशनियाँ, गहरी खाई में हमें गिराए जहालत की तारीकियाँ, ज़िंदगी से कुछ...

मेहरबान | Meherbaan

मेहरबान ( Meherbaan ) उन मेहरबान शख़्सियत के बारे में क्या लिखूं, उनको अपना रहबर या फिर सायबान लिखूं, उनकी बातों में एक अजब जादू सा होता...

सबक | Sabak

सबक ( Sabak )  आज तकलीफ़ महसूस की कल भूल जाया करते हैं, अच्छे बुरे वक़्त का सबक हम याद ही कहाँ रखते हैं, चंद शहद में लिपटे...

ग़र्ज़ के रिश्ते | Garz ke Rishte

ग़र्ज़ के रिश्ते ( Garz ke Rishte )   कुछ एक रिश्ते ऐसे भी होते हैं, जो बिना ग़र्ज़ के बने होते हैं, उनकी शानो-शौकत न देखी जाती, जिनको हमारे...

तरबियत | Hindi Poem Tarabiyat

तरबियत ( Tarabiyat )   सौ बार टूटता है सौ बार जोड़ता है, बहुत मेहनत से कुम्हार एक बर्तन बना पाता है, मानो तो इंसान भी गीली मिट्टी होता है, हर ऐब...

कैसा यह ज़माना | Kaisa yeh Zamana

कैसा यह ज़माना ( Kaisa yeh Zamana )   देखो न अब आ गया है यह कैसा ज़माना, हर कोई जुटा है छिनने में दूसरों का दाना, काटके...