कैसा यह ज़माना | Kaisa yeh Zamana
कैसा यह ज़माना
( Kaisa yeh Zamana )
देखो न अब आ गया है यह कैसा ज़माना,
हर कोई जुटा है छिनने में दूसरों का दाना,
काटके...
तरबियत | Hindi Poem Tarabiyat
तरबियत
( Tarabiyat )
सौ बार टूटता है
सौ बार जोड़ता है,
बहुत मेहनत से कुम्हार
एक बर्तन बना पाता है,
मानो तो इंसान भी
गीली मिट्टी होता है,
हर ऐब...
रिवाज़ | Poem Riwaz
रिवाज़
( Riwaz )
जब चाहा अपना बना लिया,
जब चाहा दामन छुड़ा लिया,
रिश्तों को पामाल करने का,
ये रिवाज़ किसने बना दिया,
रोज़ ही निकलने लगे एहसासों...
हसद | ईर्ष्या
हसद
( Hasad )
हज़ारों रत्न उसके तकिये के नीचे हैं,
मगर मेरे इक पत्थर पर वो मरता है,
उसकी इक नज़र तरसते हैं रत्न उसके,
उन्हें भूलके मेरे...
ऐ मेरे गाँव | Aye Mere Gaon
ऐ मेरे गाँव
( Aye Mere Gaon )
ऐ मेरे गाँव की रौशन गलियाँ तुम यूँही मेरी राहें तकना,
हाँ हम लौटके आएंगे ज़रूर, तुम आँखें...
बरतरी | Bartari
बरतरी
( Bartari )
क़दमों को संभाल कर चलो भटक जाएंगे,
सर झुकाए रखो चुनरी सरक जाएंगे,
हम बेटियों को ही यह नसीहतें करते जाएंगे,
बेटों को कहते...