Ayodhya

चलता अयोध्या नगरिया

( Chalta Ayodhya Nagariya ) 

 

सुना सइयाँ आवत बा होली,
चलता अयोध्या नगरिया। (4)

रामजी कै देखित सुन्दर मुरतिया,
मरलो पे बिसरी न ओनकर सुरतिया।
भरि जात अपनों ई झोली,
चलता अयोध्या नगरिया,
सुना सइयाँ आवत बा होली।

तन-मन रंग -रंगीला होई जाई,
चलत डहरिया न गोड़वा दुखाई।
नाहीं बाटी नई-नबेली,
चलता अयोध्या नगरिया,
सुना सइयाँ आवत बा होली।

सरयू में चलिके तू धोआ चुनरिया,
मन वांछित फल उहाँ पावा गुजरिया।
भरि ल्या तू मोक्ष से तिजोरी,
चलता अयोध्या नगरिया,
सुना सइयाँ आवत बा होली।

कब फूटि जाई ई माटी कै गगरिया,
एक दिन धुँधर होई अपनों नजरिया।
राम -रंग चला दुनों घोली।
चलता अयोध्या नगरिया,
सुना सइयाँ आवत बा होली।

रामकेश एम यादव (कवि, साहित्यकार)
( मुंबई )

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