बड़ी सुरक्षित हैं मेरे पास , तेरी धरोहर
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उम्मीदें 

( Ummide )

 

उम्मीदें अक्सर चोट पहुंचाती है,
कमजोर होने का एहसास दिलाती है।
प्रेम और मोह में फंसा व्यक्ति ,दूसरों से उम्मीदें रखता है ,
चोटिल होने पर वह ,एक बार फिर से बिखरता है।
शिकायतों का दौर फिर ,कुछ यूं शुरू हो जाता है ,
उम्मीदें अक्सर चोट पहुंचाती है ,
ये उस मूर्ख को ,ठोकर खाकर ही याद आता है ।
गलती हमेशा हमारी होती है ,
उम्मीद रखना एक “बीमारी” होती है ।
इस संघर्षपूर्ण जीवन में ,कौन किसी का होता है ,
उम्मीद सिर्फ ईश्वर से रखना ही , सर्वोत्तम विकल्प होता है ।
अच्छे और सच्चे कर्म,व्यर्थ नहीं जाते,
ईश्वर से उम्मीद रखने वाले ,फिर नहीं घबरातें ।
परेशानियां सभी के जीवन में आती है ,
बस एक बात याद रखे ….
उम्मीदें अक्सर चोट पहुंचाती है ।

 

पूजा राकेश जोशी
बीकानेर राजस्थान

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