मेरा बचपन | Poetry On Bachpan
मेरा बचपन
( Mera bachpan)
वो रह रह कर
क्यों याद आता है
मुझे वो मेरा बचपन
जो शायद भूल मुझे
कहीं खो गया है दूर वो मेरा बचपन…
वो पापा की बातें
मम्मी का झिड़कना
इम्तिहान के दिनों में
मेरा टीवी देखने को ज़िद करना….
कितना मासूम था
भोला था वो कितना
न आज की कोई फिक्र
न कल की कोई चिंता….
ढूँढती हूँ वो ही
बीता हुआ बालपन
कभी बेटी अपनी ही में
तो कभी पुरानी तस्वीरों में..
अब तो दुआ करूँ यही
ऐ खुदा, हो सके तो
लौटा दे तू मेरा खोया वो बचपन
मेरा प्यारा सा भोला सा वो बचपन….
लेखिका :- Suneet Sood Grover
अमृतसर ( पंजाब )
Bhut bhut bhut khuuub❤️