बप्पा आ जाओ | Poem On Ganesh Ji
बप्पा आ जाओ
( Bappa aa jao )
बाप्पा आ जाओ
कष्ट हर जाओ
झोली भर जाओ
मूषक पे होके सवार
घर मेरे तुम आ जाओ
दस दिन रहो तुम
अंगना में मेरे
ओ गौरी नंदन
मोदक ग्रहण कर
विघ्नमेरे हर जाओ
विद्या बुधि दे जाओ
मन की पीड़ा हर जाओ
फैली कुरीति और भ्रष्टाचार
ऐसे विकार दूर कर जाओ
लंबोदर आशीष दे जाओ
कदली का भोग पा जाओ
पान बताशा इनको चढ़ाओ
चंदन अक्षत रोली लगाओ
हरी हरी दूर्वा ,लड्डू खिलाओ
मानव में साहस भर जाओ
बाप्पा आ जाओ
मन में प्रीत जगा जाओ