Jeevan ke rang
Jeevan ke rang

जीवन के रंग

( Jeevan ke rang )

 

सुख दुख आते जाते,
पल पल ये मुस्काते।
जीवन के रंग बहते,
डुबकी लगाइए।

 

कभी ख़ुशी कभी ग़म,
जैसे बदले मौसम।
पतझड़ बहारों में,
आनंद उठाइए।

 

मुस्कानों के मोती बांटे,
बोल मीठे प्यार भरे।
हिलमिल जिंदगी को,
सुख से बताइए।

 

कुदरत रंग भाये,
चमन में बहार में।
जीवन रंग उत्सव,
खुशी से मनाइए।

 

कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

यह भी पढ़ें :- 

मांँ जीवन की भोर | Maa poem in Hindi

 

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here