अश्कों में भीगी आंखें है!
( Ashkon mein bheegi aankhen hai )
अश्कों में भीगी आंखें है!
उसकी ही आती यादें है
बारिश नफ़रत की रोज यहाँ
उल्फ़त की कब बरसातें है
ढूढ़ रहा था प्यार वफ़ा जो
खोयी मुझसे वो राहें है
शब्द नहीं बोले उल्फ़त के
तल्ख़ बहुत उसकी बातें है
नीद नहीं आंखों में मेरी
याद भरी अपनी रातें है
जख़्म मिला उल्फ़त में ऐसा
निकली दिल से बस आहें है
प्यार मिला दोस्त नहीं मुझको
बोझिल आज़म की सासें है