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“शिव जी होली खेले कैलास”

एक तरफ इस मास मधुमास में जहांँ सभी गायक होली एवं जोगीरा के स्वर अलाप रहे हैं वहीं दूसरी ओर गाँव की बेटी सुष्मिता...

‘शब्दाक्षर’ झुंझुनूं ने होली पर कविताओं की बहाई, फागुनिया बहार

राष्ट्रीय साहित्यिक संस्था शब्दाक्षर के तत्वावधान में शेखावत मार्केट में आरोही फैशन शोरूम में होली स्नेह मिलन एवं काव्य गोष्ठी कार्यक्रम आयोजित किया गया।...

बुरा ना मानो होली है | Kavita Bura na Mano Holi...

बुरा ना मानो होली है ( Bura na Mano Holi Hai )   कान्हा जी राधा बोली है, झूम रहे हमजोली है। फागुन रंग बसंती छाया, धूम मची अब...

होली का रंग | Kavita Holi ka Rang

होली का रंग ( Holi ka Rang ) भर पिचकारी उड़ा गुलाल रंगा रंग बना होली, प्रेम में सब उमड़े खिले मुखड़े ऐसी बना होली । त्वचा...

मुट्ठी भर गुलाल | Laghu Katha Mutthi Bhar Gulal

"आओ सोमेश्वर आओ, आज होली का दिन है। जब तक जिंदगी है तब तक तो मालिक और मजदूर चलता ही रहेगा। लेकिन बैठो, मालपुए...

इन अँखियों को समझाओ तो | In Ankhiyon ko

इन अँखियों को समझाओ तो   किसे नहीं खेलें होली बताओ तो पुछती है कोयल बताने आओ तो सभी आये लेकिन वो नहीं आए इन अँखियों को भी समझाओ...

होली के रंग अपनों के संग | Holi Ke Rang

होली के रंग अपनों के संग ( Holi Ke Rang Apno ke Sang )   प्रीत पथ अप्रतिम श्रृंगारित, नयनन खोज निज संबंध । उर सिंधु अपनत्व प्रवाह, पुलकित...

होली की हलचल | Kavita Holi ki Halchal

होली की हलचल ( Holi ki Halchal )   रंग -रंगीली होली आई रंगों की बौछार लाई उमंग की उफान उठाई उल्लास दिल में उगाई मजीर मन में बजाई बढ़उ देवर...

दास्तान ए दिल | Dastan-e-Dil

दास्तान ए दिल ( Dastan-e-Dil )   चले जाओगे इक रोज दूर मुझसे चले जायेंगे दूर हम भि तुझसे फ़क्र है तब भी मुझे तुझ पर यादों में हम...

नन्हीं लाडली | Nanhi Ladli

नन्हीं लाडली ( Nanhi Ladli ) अम्मा की लाडली…अब्बा की प्यारी थी मैं, थोड़ी नटखट सी…थोड़ी गुस्से वाली थी मैं,मेरे अपनों के दिलों पे बस मेरा...