Baba Bhim Hamara
Baba Bhim Hamara

वो बाबा भीम हमारा

( Wo baba bhim hamara )

 

आज गाॅंव‌-शहर की हर गली में गूॅंज रहा यह नारा,
सबको अपना हक दिलाया लिखें संविधान प्यारा।
अच्छाई-सच्चाई के लिए लड़ता रहा उम्र भर सारा,
जनहित में सारे काम किया वो बाबा भीम हमारा।।

देखा था बचपन में उन्होंने ये निम्न-जाति व्यवस्था,
बाहर बैठकर कक्षा के जो शिक्षा-ग्रहण किया था।
इसी लिए पहला महत्व उन्होंने शिक्षा को ही दिया,
सुख चैन अपना छोड़कर सभी के लिए ज़िया था।।

निर्धन वृद्ध और बच्चें-महिला ध्यान रखें है सबका,
सारे विश्व में मान बढ़ाया आपने-अपनें भारत का।
चाहें भले ही आज नही है बाबा-साहेब हमारे बीच,
देश के कई नव-निर्माणों में संघर्ष रहा है आपका।।

लेखनी की ताक़त क्या होती आपने हमें है बताया,
स्त्रियों और बाल मजदूरों के हाथों क़लम थमाया।
पूरे-विश्व के संविधानों से श्रेष्ठतम संविधान बनाया,
इसलिए सब नर-नारी के दिल में आप है समाया।।

समझो ये संविधान पढ़कर अपने-अपने अधिकार,
जिससे चलती है देशों की अपनी-अपनी सरकार।
सोए इंसानों जाग जाओ अब तुरन्त कर लो सुधार,
क़लम हाथ उठाकर करलें अपना जीवन साकार।।

 

रचनाकार : गणपत लाल उदय
अजमेर ( राजस्थान )

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