भाव जगाने निकला हूँ | Kavita bhav jagane nikla hoon

भाव जगाने निकला हूँ ( Bhav jagane nikla hoon )   बुझे हुए मन के भावों को, पुनः जलाने निकला हूँ। सुप्त हो चुके हिन्दू मन में, भाव...

14 जनवरी को मकर संक्रांति | Makar Sankranti par kavita

14 जनवरी को मकर संक्रांति ( 14 january ko makar sankranti )   नए साल का प्रथम-पावन‌ त्योंहार यही कहलाता, प्रत्येक वर्ष जनवरी में जो 14 तारीख को...

डोर | hindi poem on life

डोर ( Dor )रंग बिरंगी पतंग सरीखी, उड़ना चाहूं मैं आकाश। डोर प्रिये तुम थामे रखना, जग पर नहीं है अब विश्वास।।   समय कठिन चहुं ओर अंधेरा, घात लगाए बैठा...

दर्पण ना समाए | Kavita Darpan na Samaye

दर्पण ना समाए  ( Darpan na Samaye ) रुप तेरा ऐसा दर्पण ना समाए मन ना उतराए भृकुटी ऐसी चांदनी चांद ना शरमाय गाल ऐसी लागी कनक ना चमकाय ओठ ऐसी रंगाय भौंरें ना...

माँ | Kavita Maa | Mother’s Day 2022 Poem

माँ ( Maa )   जन्मदात्री धातृ अम्बा अम्बिका शुभनाम हैं। माँ से बढ़कर जगत में न तीर्थ है न धाम हैं।। नौ महीने उदर में रख दिवस निशि...

मैं हूॅं फौजी | Fauji par kavita

मैं हूॅं फौजी ( Main hoon fauji )     मैं हूॅं फौज का एक फीट जवान, करता में देश की सुरक्षा जवान। डयूटी में नहीं लापरवाहीं करता, दिन व रात...

सामाजिक चिंतन | Samajik Chintan

सामाजिक चिंतन ( Samajik chintan )    सामाजिक चिंतन, यथार्थ से आदर्श की ओर जननी जन्म भूमि गौ माता, अंध भौतिक युग शिकार । बढते वृद्धाश्रम भू विदोहन अवारा गायें, संकेत...

पापा | Poem on papa in Hindi

पापा ( Papa )   हर घड़ी याद आ रही पापा रोज़ आँखों में है नमी पापा   रात दिन दिल उदास है मेरा आपकी है यहां कमी पापा   छोड़कर ही तन्हा...

रक्षा बंधन पर्व शोभित | Raksha Bandhan Parv

रक्षा बंधन पर्व शोभित ( Raksha bandhan parv sushobhit )    रक्षा बंधन पर्व शोभित, भाई बहन अथाह गर्व अंतर्संबंध अपनत्व प्रवाह, बहन पावन पूज्य स्थान । सुशोभित निज संस्कृति, कर...

महात्मा गांधी के महाप्रयाण दिवस पर मेरे भाव

गांधी जी का महाप्रयाण दिवस   बापू को पल - पल नमन करे ,क्षण - क्षण स्मरण करे ।।ध्रुव॥ मन प्राणों की पुलकन को चैतन्य पूर्ण चितवन को संघर्षों...