प्रेम में पड़ कर
प्रेम में पड़ कर
अक्सर प्रेम से ओत प्रोत
पुरूष
समर्पित कर देता है
पत्नी के हिस्से का प्रेम
अपनी प्रेमिका को
खुद के अस्तित्व को
स्वयं ही नष्ट कर लेता...
जीवन का आनंद (दोहे)
जीवन का आनंद
****(मंजूर के दोहे)
१)
उठाओ पल पल जग में, जीवन का आनंद।
चिंता व्यर्थ की त्यागें, रहें सदा सानंद।।
२)
खुशी खुशी जो बीत गए,क्षण वही अमृत...
आदमी की पहचान!
आदमी की पहचान!
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नहीं है आसान
आदमी की पहचान!
भाल पर नहीं
उसके कोई निशान
कहने को तो
साथ खड़ा है
दिख भी रहा है
पर दरअसल वह
गिरने का इंतजार कर रहा...
टीआरपी का खेल!
टीआरपी का खेल! ( व्यंग्य )
*****टीआरपी के खेल में अबकी
धरे गए हैं भैया,
देखना है अब कैसे उन्हें बचाते हैं सैंया?
चिल्ला चिल्ला कर तीन माह...
सिंदूर दान
सिंदूर दान
रक्त वर्ण सुवर्ण भाल कपाल का श्रृंगार है यह।
ये मेरा सिंदूर है भरपूर है संस्कार है यह।।
तुम न होते मैं न होती कौन...
टी.आर.पी. के चक्कर में
टी.आर.पी. के चक्कर में
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आजकल चैनलों पर न्यूज की जगह डिबेट आ रह रहे हैं,
बहुत लोग अब टी.वी देखने से घबरा रहे हैं।
जनता के सरोकार...