प्रेम में पड़ कर

प्रेम में पड़ कर   अक्सर प्रेम से ओत प्रोत पुरूष समर्पित कर देता है पत्नी के हिस्से का प्रेम अपनी प्रेमिका को खुद के अस्तित्व को स्वयं ही नष्ट कर लेता...

पेड़

पेड़ ?   पत्र पुष्प फलादि माया कौन देता। पेड़ न होते तो छाया कौन देता।।  बगीचों को काट रेगिस्तान न कर, प्राण वायु जो खपाया कौन देता।।  पेड़ों में भी...

जीवन का आनंद (दोहे)

जीवन का आनंद ****(मंजूर के दोहे) १) उठाओ पल पल जग में, जीवन का आनंद। चिंता व्यर्थ की त्यागें, रहें सदा सानंद।।   २) खुशी खुशी जो बीत गए,क्षण वही अमृत...

आदमी की पहचान!

आदमी की पहचान! ***** नहीं है आसान आदमी की पहचान! भाल पर नहीं उसके कोई निशान कहने को तो साथ खड़ा है दिख भी रहा है पर दरअसल वह गिरने का इंतजार कर रहा...

नज़र

नज़र ** नज़र लगी है उसको किसकी? मिटी भूख प्यास है उसकी। हरदम रहती सिसकी सिसकी, नज़र से उसके लहू टपकती। ना कभी हंसती, ना कभी गाती, विरह की अग्नि उसे...

साथ

साथ * कहते हैं वो हम साथ हैं साथ हैं ? तो कहने की क्या बात है? साथ! एक एहसास है। जो न आपके न मेरे पास है! फिर कहिए कौन किसके साथ है? एहसास ही...

टीआरपी का खेल!

टीआरपी का खेल! ( व्यंग्य ) *****टीआरपी के खेल में अबकी धरे गए हैं भैया, देखना है अब कैसे उन्हें बचाते हैं सैंया? चिल्ला चिल्ला कर तीन माह...

सिंदूर दान

सिंदूर दान   रक्त वर्ण सुवर्ण भाल कपाल का श्रृंगार है यह। ये मेरा सिंदूर है भरपूर है संस्कार है यह।।  तुम न होते मैं न होती कौन...

टी.आर.पी. के चक्कर में

टी.आर.पी. के चक्कर में ****** आजकल चैनलों पर न्यूज की जगह डिबेट आ रह रहे हैं, बहुत लोग अब टी.वी देखने से घबरा रहे हैं। जनता के सरोकार...

सिंदूर

सिंदूर   वक्त की चकाचौंधी इतनी भी मंजूर न कर। तेरा सिंदूर हूं तूं सर मुझे दूर न कर।।  दीखता चुटकियों में हूं मगर विशाल हूं मै, हर एक...