Poem Nazron ke Paimano | पी नज़रों के पैमानों में

पी नज़रों के पैमानों में ( Pee Nazron Ke Paimano Mein )   पी  नज़रों  के  पैमानों  में। क्यूं सुख ढूंढे मयखानों में।।   जब दिल में ग़म गुलशन फीका। रौनक ...

रोज़ उसकी आरजू ये जिंदगी करती रही | Aarzoo shayari

रोज़ उसकी आरजू ये जिंदगी करती रही ( Roz uski aarzoo ye zindagi karti rahi )    यार पाने को उसको ही बेकली करती रही रोज़ उसकी आरजू...

जिंदगी में लेकर ये ख़ुशी

जिंदगी में लेकर ये ख़ुशी    जिंदगी में लेकर ये ख़ुशी दूर हो हर दिल से बेबसी  हर तरफ़ हो ख़ुशी मुल्क में हो नहीं हर आंखों में नमी  दूर...

तुम जो यूं नज़रें मिला रहे हो

तुम जो यूं नज़रें मिला रहे हो    तुम  जो   यूं नज़रें   मिला  रहे हो। जिगर  पे   नश्तर  चला  रहे  हो।।  जो    जैसा   है   वैसा   ही  रहेगा। क्यों अपने...

ढूंढ़ता हूँ रोज़ ऐसी दोस्ती मैं | Dosti Heart Touching Shayari

ढूंढ़ता हूँ रोज़ ऐसी दोस्ती मैं ( Dhoondhta hoon aisi dosti mein )    थक गया हूँ ढूंढ़ता ही ख़ुशी मैं! जी रहा हूँ ग़म भरी सी जिंदगी...

कर रहा ग़म भरी मयकशी आज फ़िर

कर रहा ग़म भरी मयकशी आज फ़िर   कर रहा ग़म भरी मयकशी आज फ़िर! ढ़ल गयी जीस्त से जब ख़ुशी आज फ़िर।।  दोस्त था वो मेरा पर...

ढा रही है सितम सादगी आपकी

ढा रही है सितम सादगी आपकी    ढा  रही  है  सितम सादगी आपकी। कातिलाना अदा  यूं  सभी  आपकी।।  उस ख़ुदा की तरह दिल से चाहा तुझे। कर  रहा  है ...

Love Shayari | Romantic Ghazal -गुलाब कहूं या बहार कहूं

गुलाब कहूं या बहार कहूं   ( Gulab Kahoon Ya Bahar Kahoon )   गुलाब   कहूं   या   बहार   कहूं। तुम्ही बतादो क्या मैं यार कहूं।।  हम मुशाफिर है हमें क्या...

Romantic Ghazal -उस गली से रोज़ ही मुझको गुजरना है सदा

उस गली से रोज़ ही मुझको गुजरना है सदा   ( Us Gali Se Roj Hi Mujhako Gujarna Hai Sada )    उस गली से रोज़ ही मुझको...

ढा रहे अपने सितम ये

ढा रहे अपने सितम ये    ढा रहे अपनें सितम ये हो गया कैसा  वतन ये  हम मिटा देगे अदूँ को जान से प्यारा वतन ये  सब मिटा देगे जहां...