क्या खोया? क्या पाया? | Kahani Kya Khoya Kya Paya
घर में चारों ओर जाले लगे हुए हैं। कूड़ा कटकर भी जहां देखो पड़ा हुआ है । अबकी होली में घर में पुताई नहीं...
महावीर जयंती | Kavita Mahavir Jayanti
महावीर जयंती
( Mahavir Jayanti )
जीओ जीने दो परम पावन प्रवचन
पीओ पीने दो परम पावन प्रवचनजीओ जीवन पीओ ग़म हरदम प्यारे
अहि़सा परमो धर्म परम...
अछूतो का भगवान | Kahani Achuto ka Bhagwan
चारों तरफ मैले कुचैले कपड़े पहने बच्चे दिखाई दे रहे थे । बदबू ऐसी आ रही है कि एक-दो मिनट बैठना मुश्किल है ।...
नदी पार के लोग | Laghu Katha Nadi Paar ke Log
नदी रामपुर और कैथा गाँव के बीच से होती हुई बहती है। बरसात में जब वह उफनती है तो दोनों गाँव के खेतों को...
रोशनी | Kahani Roshni
मनुष्य को गरीबी क्या ना कराएं । रोशनी के पिता इतने गरीब थे कि दो वक्त की रोटी का जुगाड़ हो सके इसलिए उसे...
आंखों से करती जादू है | Ghazal Aankhon se
आंखों से करती जादू हैआंखों से करती जादू है
दिल होता यूं बेकाबू है
सांसें महके तुझमें हर पल
उड़ती जो तेरी ख़ुशबू है
देख रहा है...
लौट आओ ना पापा | Katha Laut Aao na Papa
नेहा का कोई संसार में अपना सा लगता था तो वह थे - उसके पापा! उसके पापा भी उसे बहुत चाहते थे। जब उन्हें...
जीवन सूना सूना सा | Katha Jeevan Soona Soona sa
सुदूर दक्षिण प्रांत में एक मास्टर जी है । उनकी जिंदगी बड़े आराम से गुजर रही हैं । पति पत्नी बहुत ही हंसी खुशी...
सुर असुर | Katha Sur Asur
प्राचीन काल में सुर और असुर दो भाई थे । दोनों सहोदर थे।। जो भाई काम से जी चुराते थे। किसी प्रकार काम निकाल...
मेहनत के बावजूद | Laghu Katha Mehnat ke Bawajood
जीवन जन्म से ही एक पांव से कुछ दबता है और उसे गरीबी भी विरासत में मिली हुई है। लेकिन उसका घर अपना शहर...