बसंत | Basant par Muktak
बसंत
( Basant )
आ गया मधुमास सुहाना चली मस्त बयार।
सर्दी को अलविदा कहने लगे सब नर नार।
फागुन महीना आया खिलने लगी धूप भी।
लगे पुष्प सारे...
मुक्तक : कल एक फूल इसी घुटन में मर गया
कल एक फूल इसी घुटन में मर गया
( Kal ek phool isi ghutan mein mar gaya )
कल इक फूल इसी घुटन में मर गया,
कि...
आरजू | Aarzoo par muktak
आरजू
( Aarzoo )
एक आरजू एक तमन्ना एक मेरी अभिलाषा।
अटल रहूं सीमा पे धर रण कौशल की भाषा।
जोश जज्बा रग-रग में हौसला है भरपूर मेरा।
तिरंगा...
खुशनसीब | Khushnaseeb
खुशनसीब
( Khushnaseeb )
खुशनसीब होते वो लोग जो हंसकर जी लिया करते हैं।
भोली मुस्कान रख चेहरे पर दिल जीत लिया करते हैं।
जवानी के मद में...
पदांत आंसू | Aansoo par muktak
पदांत आंसू
( Padant aansoo )
सारे पापों को धो देते हैं वो प्रायश्चित के आंसू।
प्रेम का उमडता सागर नैन छलक आते आंसू।
महकते फूल प्यारे अब...