Chhathi maiya kavita
Chhathi maiya kavita

छठी मैया

( Chhathi maiya )

 

छठी मैया तुमको ध्याता रातदिन मां शीश नवाता।
अक्षत रौली चंदन लेकर सरिता तीर भेंट चढ़ाता।

 

करती बेडा पार मैया तुम हो लखदातार मैया।
सुख वैभव यश दाता सजा सुंदर दरबार मैया।

 

झारखंड उत्तराखंड आता जनमन माता मनाता।
मनवांछित फल नर पाता तेरे दर गुणगान गाता।

 

सबकी रक्षा करने वाली शक्ति रूपा मात भवानी।
भक्तों के भंडार भरे मां सिद्धि दाता मां वरदानी।

 

निर्धन को धनवान करे कर देती सबका कल्याण।
सच्चे मन से जो नर ध्याता पाता जग में सम्मान।

 

सुख संपति देने वाली शुभ फलदाई शक्ति मैया
सारे जग की तारणहारी तू ही दाता तू ही खेवैया।

 

 

 

रचनाकार : रमाकांत सोनी सुदर्शन

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

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