धोनी का अंतरर्राष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास
धोनी ने लिया अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास
देख सुनकर फैन्स हो गए उदास ।
एक विकेट कीपर बल्लेबाज,
जिस पर पूरे विश्व को है नाज।
अब उसे मैदान पर खोजेंगी निगाहें,
न मिलने पर भरेंगी आहें।
भारतीय क्रिकेट में तो एक से एक कप्तान हुए,
पर धोनी, तुम थे सबसे अलग!
तुम सा ना हुए ।
देश में आपकी लोकप्रियता तेंदुलकर जैसी है,
इसी से आपकी महत्ता समझी जा सकती है।
सचिन का विश्वकप जीतने का सपना-
आप ही ने साकार किया,
अपने हेलीकॉप्टर शॉट से विरोधी टीम में हाहाकार मचा दिया।
विश्व में भारतीयों का सीना गर्व से ऊंचा किया,
विरोधी दल का सर्वनाश समूचा किया।
क्रिकेट के मैदान में आपकी रणनीति,
विरोधियों के पल्ले नहीं थी पड़ती ।
धुंआधार शाॅट लगाकर मैदान मारने वाले,
तेरी विदाई देख रो रहे हैं तेरे चाहने वाले।
छोटे शहर ( रांची ) से होने के बावजूद,
भारतीय क्रिकेट को शिखर तक पहुंचाया
तीनों फार्मेट में भारत को विश्व विजेता बनाया।
कप्तान के तौर पर बन कैप्टन कूल,
चटाते रहे विरोधियों को धूल ।
विकेट कीपिंग में भी बनाए कई रिकॉर्ड,
जरा सा पैर डगमगाए कि किए आउट?
बिना किसी डाउट ।
फुर्ति ऐसी कि जेबकतरे शरमा जाएं,
बल्लेबाज कब आउट किए-
पता भी नहीं चल पाए।
कीपिंग में भी कई मानदंड स्थापित किए,
तेरे विदाई से बल्लेबाज राहत की सांस लिए।
अब आगे देखिए क्या करेंगे?
क्रिकेट प्रशासन या राजनीति !
दोनों प्रिय रहे हैं-
जहां भी हाथ आजमायेंगे,
सफलता ही सफलता पायेंगे।
(गुड लक महेंद्र सिंह धोनी)
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लेखक-मो.मंजूर आलम उर्फ नवाब मंजूर
सलेमपुर, छपरा, बिहार ।