कलाकार | Kalakar par kavita
कलाकार
( Kalakar )
कला कौशलता दिखलाते कलाकार कहलाते हैं।
अपने हुनर से दुनिया में यश परचम लहराते हैं।
चित्रकला संगीत साहित्य जिन से गहरा नाता है।
सृजन शिल्प पारंगत विद्या में महारथ पाता है।
भित्तिचित्र काष्ठ कला हो या फिर आभूषण मानो।
मीनाकारी रंगदारी देखो जढ़ाई घड़ाई सुंदर जानो
शिल्पकला भवन निर्माण बागवानी हुनर भारी।
तकनीकी विद्या कुशल कारीगरी निपुणता सारी।
कलाबाजियां करतब बेजोड़ कलाकार दिखाते।
खेल-खिलाड़ी अपने दम पे नाम अमर कर जाते।
कोई रचता कोई गाता कोई मधुरस घोलता है।
छुपाए छुपती ना प्रतिभा हुनर मुंह बोलता है।
राजनीति विज्ञान गणित सबमें कलाकार समाया।
इन्हीं कलाओं में सृष्टि की छिपी सृजन माया है।
कवि : रमाकांत सोनी सुदर्शन
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )