राजनीति की हठधर्मिता | Rajneeti ki Hathdharmita

हम बेहद आहत हैं राजनीति की इस हठधर्मिता से   देश की राजनीति तय करती है सामाजिक और आर्थिक व्यवस्था और राजनीतिक सोच लेकिन धार्मिक , बौद्धिक सोच तय नहीं करती यदि...

गौतम बुद्ध | Gautam Buddha

गौतम बुद्ध ( Gautam Buddha )    मानव के कल्याण हेतु राजमहल को छोड़ा जिसने वह थे गौतम बुद्ध अंधविश्वास को दूर भगाया वह थे गौतम बुद्ध लोगों में विज्ञान की ज्योति...

घर में पधारो गजानंद जी | Ghar me Padharo Gajanan ji

घर में पधारो गजानंद जी ( Ghar me padharo Gajanan ji )    घर में पधारो गजानंदजी आओ आंगणिया आओ। लंबोदर महाराज गणेश रिद्धि सिद्धि संग लाओ। दूंद दुंदाला...

मेलों की बात निराली है | Melon ki Baat

मेलों की बात निराली है ( Melon ki baat nirali hai )    झूले सर्कस सज रही दुकानें नाच रही मतवाली है। आओ मेला देखन जाए मेलों की...

हे भारत की बेटियों | Hey Bharat ki Betiyon

हे भारत की बेटियों ( Hey Bharat ki Betiyon )    हे भारत की बेटियों मत मांग करो महंगी साड़ियों और जेवरों की ये कोमल कलाइयां किसी घर की सोहबत बने उससे पहले...

विनती सुनो गणराज | Vinti Suno Ganraj

विनती सुनो गणराज ( Vinti Suno Ganraj )    विनती सुनो गणराज हमारे मनमंदिर में आना, हमारे मनमंदिर में आना। आशाओं का दीप जलाया, नेह भरा विश्वास , हमारे मनमंदिर में...

तल्ख़ मेहनाजपुरी की तीन रचनाएं | Talkh Mehnajpuri Poetry

  01.अधिक अन्न उपजाओ -------- 'अधिक अन्न उपजाओ' जो नारा लगाते हैं भर पेट अन्न सिर्फ वही पाते हैं. जो सचमुच अधिक अन्न उपजाते हैं, रात में भूखे ही सो जाते हैं. आइए मिल -जुल...

ऋषि पंचमी | Rishi Panchami

ऋषि पंचमी ( Rishi Panchami )    आज का दिन माहेश्वरी का रक्षाबंधन कहलाता है, ऋषि पंचमी को ही हर माहेश्वरी राखी बंधवाता है, सजती है हमारी भी सुनी...

नया संसद भवन | Naya Sansad Bhavan

नया संसद भवन ( Naya Sansad Bhavan )    नया संसद भवन, नई उम्मीदों की मंगल भोर हिंद लोकतंत्र नूतन अध्याय, सुषुप्त स्वप्न नव पंख । आशा उमंग नवल संचरण, विकास...

प्रियंका सोनकर की पांच रचनाएं | Dr. Priyanka Sonkar Poetry

01. क्रांति -------- तुम जिस सभ्यता को संस्कृति कहते हो यही शोषण का कारखाना है तुम कहते हो इसे ही तो बचाना है मैं कहती हूं मुझे इसे ध्वस्त करना...