महाराणा प्रताप जयंती 2024
( Maharana Pratap Jayanti 2024 )
धन्य हुआ रे राजस्थान, जो जन्म लिया यहां प्रताप ने।
धन्य हुआ रे सारा मेवाड़, जहां कदम रखे थे प्रताप ने।
फीका पड़ा था तेज सूरज का, जब माथा ऊंचा तू करता था।
फीकी हुई बिजली की चमक, जब जब आंख खोली प्रताप ने।
हल्दीघाटी के युद्ध में,दुश्मन में कोहराम मचाया था।
देख वीरता राजपूताने की, दुश्मन भी थर्राया था।
जब जब तेरी तलवार उठी, तो दुश्मन टोली डोल गयी।
फीकी पड़ी दहाड़ शेर की, जब जब तूने हुंकार भरी।
था साथी तेरा घोड़ा चेतक, जिस पर तू सवारी करता था।
थी तुममें कोई खास बात, की अकबर तुझसे डरता था।
हर मां की यह ख्वाहिश है, एक प्रताप वह भी पैदा करें।
देख के उसकी शक्ति को, हर दुश्मन उससे डरा करें।
करती हूं नमन में प्रताप को, जो वीरता का प्रतीक है।
तू लोह पुरुष ,तू मातृभक्त तू अखंडता का प्रतीक है।
है धर्म हर हिंदुस्तानी का, तेरे जैसा बनने का।
चलना है अब तो उसी मार्ग, जो मार्ग दिखाया प्रताप ने।
बलिदान पर राणा के भारत मां ने, लाल देश का खोया था।
वीर पुरुष के देहावसान पर, अकबर भी फफक-फफक कर रोया था।
भारत मां का वीर सपूत हर हिंदुस्तानी को प्यार है।
कुंवर प्रताप जी के चरणों में शत-शत नमन हमारा है।
लता सेन
इंदौर ( मध्य प्रदेश )