Monthly Archives: March 2021
तुम्हारे बिन जहां किस काम का है | Shayari Tumhare Bin
तुम्हारे बिन जहां किस काम का है
( Tumhare Bin Jahan Kis Kam Ka Hai )
लोग कहते हैं कि आराम का है।
तुम्हारे बिन जहां किस...
मैं आऊंगा दोबारा | Kavita Main Aaunga Dobara
मैं आऊंगा दोबारा
( Main Aaunga Dobara )
ये गांव ये चौबारा मैं आऊंगा दुबारा
चाहे सरहद पे रहुं या कहीं भी रहूं
पहन के रंग बसन्ती केसरिया
या...
Kavita | भोलेनाथ
भोलेनाथ
( Bholenath )
******हो नाथों के नाथ
हो अनाथों के नाथ
दीनों के नाथ हो
हीनों के नाथ।
बसे तू कैलाश,
बुझाते सबकी प्यास।
चराचर सब हैं तेरे संग,
रहे सदा तू...
Kavita | अपना बचपन
अपना बचपन
( Apna Bachpan )
बेटी का मुख देख सजल लोचन हो आए,
रंग बिरंगा बचपन नयनों में तिर जाए ।
भोर सुहानी मां की डांट से...
Kavita | अनबन
अनबन
( Anban )
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बदल गए हो तुम
बदल गए हैं हम
नए एक अंदाज से अब मिल रहे हैं हम।
ना रही वो कसक
ना रही वो ठसक
ना रहे...
Kavita | नारी व्यथा
नारी व्यथा
( Nari Vyatha )
मेरे हिस्से की धूप तब खिली ना थी
मैं भोर बेला से व्यवस्था में उलझी थी
हर दिन सुनती एक जुमला जुरूरी...
Kavita | अबोध
अबोध
( Abodh )बहुत अच्छा था बचपन अबोध,
नहीं था किसी बात का बोध।
जहाॅ॑ तक भी नजर जाती थी,
सूझता था सिर्फ आमोद -प्रमोद।
निश्छल मन क्या तेरा...
खुशियों की कैसी जिद्द तेरी | Poem Khushiyon ki Zid
खुशियों की कैसी जिद्द तेरी
( Khushiyon Ki kaisi Zid Teri )
ग़मों की वो शाम थी,बनी है लम्बी रात सी।
अन्धियारा जीवन है, अन्धियारा दूर तक।
खुशियों...
Ghazal | हमेशा ही रहे हम तो बुरे उनकी निगाहों में
हमेशा ही रहे हम तो बुरे उनकी निगाहों में
( Hamesha hi Rahe Ham To Bure Unke Nigahon Mein )
हमेशा ही रहे हम तो बुरे...
Kavita | आसिफ की आपबीती
आसिफ की आपबीती
( Asif Ki Aap Beeti )
******लगी थी प्यास
मंदिर था पास
गया पीने पानी
थी प्यास बुझानी
समझ देवता का घर
घुस गया अंदर
नहीं था किसी का...