Monthly Archives: May 2021
रात का नशा था | Raat ka Nasha Shayari
रात का नशा था
( Raat ka nasha tha )
रात का नशा था
खुमारी कुछ तन्हाई की
सर चढ़ी यूँ
पैमाना कोई मय साआलम यह कैसा
मैं मैं न...
सीमाएं | Poem in Hindi on Seema
सीमाएं
( Seemayen )
सीमाओं की भी एक सीमा,खींचे चित्र चितेरे,
समय की गति को बांध न पाए,सीमाओं के घेरे।
सूर्य चन्द्रमा बंधे समय से ,सृष्टि करे प्रकाशित।
शिक्षा ...
आइए प्रभु आइए | Chhand
आइए प्रभु आइए
( Aaiye Prabhu Aaiye )मनहरण घनाक्षरी छंद
लबों की हो मुस्कान भी
पूजा और अजान भी
अंतर्यामी प्रभु मेरे
दौड़े-दौड़े आइए
जग पालक स्वामी हो
हृदय अंतर्यामी हो
हाल...
व़क्त मिले तो आँखों से आँखें मिलाना तू कभी | Ghazal
व़क्त मिले तो आँखों से आँखें मिलाना तू कभी
( Waqt mile to aankhon se aankhen milana tu kabhi )
व़क्त मिले तो आँखों से आँखें...
हम हंसते गाते छोटे छोटे नन्हे बच्चे हैं | Bal Sahitya...
हम हंसते गाते छोटे छोटे नन्हे बच्चे हैं
( Bal Sahitya Rachna )
हम हंसते गाते छोटे छोटे नन्हे बच्चे हैं
तुतलाती तुतलाती बोली मन के सच्चे...
संभव हो तो | Kavita Sambhav ho to
संभव हो तो
( Sambhav ho to )
संम्भव हो तो कुछ बातों पे, मेरे मन की करना।
सूर्ख रंग के परिधान पर तुम,कमरबन्द पहना।
लट घुघरालें एक...
तिरलोकी को नाथ सांवरो | Rajasthani Bhasha Kavita
तिरलोकी को नाथ सांवरो
( Tirloki ko Nath Sanvaro)( राजस्थानी भाषा )
तिरलोकी को नाथ सांवरो
दौड़यो दौड़यो आवैगो
संकट हर सी जण का सारा
विपदा दूर भगावैगो
नरसी मीरा...
न जाने क्यों साथ वो छोड़ते रहे मेरा | Ghazal
न जाने क्यों साथ वो छोड़ते रहे मेरा
( Na jane kyon sath wo chhodte rahe mera )
न जाने क्यों साथ वो छोड़ते रहे मेरा
मुहब्बत...
Book Review | बुलंद हौंसले
पुस्तक समीक्षा: बुलंद हौंसले
( Book Review: Buland hausle )
साहित्य समाज का दर्पण होता है ह्रदय में उठते भावों को शब्दों में बदलकर एक माला के रूप...
बेटी | Chhand
बेटी
( Beti )
( मनहरण घनाक्षरी छंद )लक्ष्मी अवतार बेटी
घर का संस्कार बेटी
देश का सम्मान होती
दो दो वंश तारती
शिक्षा की जोत जलाती
घर में रौनक लाती
हुनर...