Monthly Archives: May 2021

तुम्हें मनाने आया हूं | Prarthana

तुम्हें मनाने आया हूं ( Tumhe manane aaya hun )   दीन दयाल दया के सागर तुम्हें   मनाने   आया  हूं शब्दों के मोती चुनकर फूल  चढ़ाने  लाया  हूं   हे  जग  के...

माँ | Maa

माँ ( Maa )   जिसके होने से मैं खुद को मुकमल मानती हूं, मेरी मां के हर लफ्जों में दुआ है जानती हूँ । ?? मां शब्द जितना खूबसूरत...

मेरी माँ | Meri Maa Par Kavita Hindi Mein

मेरी माँ ( Meri Maa )       मां की महिमा न्यारी है    सब तीर्थों से भारी है !  कण-कण में माँ का रुप   मां से पहचान...

आंचल की छांव | Kavita Aanchal ki Chhaon

आंचल की छांव ( Aanchal Ki Chhaon )   वात्सल्य का उमड़ता सिंधु मां के आंचल की छांव सुख का सागर बरसता जो मां के छू लेता पांव  तेरे आशीष में...

प्यारी माँ | Pyari Maa Kavita

प्यारी माँ ( Pyari Maa )   ये जो संचरित ब्यवहरित सृष्टि सारी है। हे !मां सब तेरे चरणों की पुजारी है।।   कहां भटकता है ब्रत धाम नाम तीर्थों...

मां | Maa Par Kavita

मां ( Maa )   मां सहेली भी है, मां पहेली भी है, इस जहां में वो, बिल्कुल अकेली भी है। दुःख में हंसती भी है, सुख में पिसती भी है, नेह की...

बचपन के दिन | Kavita

बचपन के दिन  ( Bachpan ke din )  कितने अच्छे थे - वे बचपन में बीते पल, ना भविष्य की चिंता, ना सताता बीता कल; खेल-खेल  में  ही ...

हे गगन के चन्द्रमा | Kavita

हे गगन के चन्द्रमा ( He gagan ke chandrama )   तुम हो गगन के चन्द्रमा, मै हूँ जँमी की धूल। मुझको तुमसे प्रीत है, जो बन गयी...

जय महाराणा प्रताप | Kavita on Maharana Pratap

जय महाराणा प्रताप ( Jai Maharana Pratap )   हल्दीघाटी युद्ध चरम पर था स्वयं अरि काल बने राणा नर मुंडो से सटी रणभूमि जिधर निकलते महाराणा   महाराणा के बिन बोले...

मां | Mother’s Day Poem In Hindi

मां ( Maa )   मेरे  गम  में  देखा  है आँख  तेरी  नम  होते  हुये , माँ मेरे हँसने पर तबस्सुम देखे तेरे लब पर खिले हुये, माँ   मेरी...