Monthly Archives: December 2021

यारों ढ़लतें इस मौसम ए बेरुख़ी के बाद भी | Ghazal

यारों ढ़लतें इस मौसम ए बेरुख़ी के बाद भी ( Yaron dhalte is mausam -e -berukhi ke baad bhi )    यारों ढ़लतें इस मौसम ए बेरुख़ी...

घोड़ों की नीलामी | Vyang

घोड़ों की नीलामी ( Ghodon ki nilami )  हर दिशा के घोड़ो को इकट्ठा किया गया था । उनको हिदायत दी गई थी कि नीलामी स्थल...

दीवार खड़ी हो गयी | Ghazal

दीवार खड़ी हो गयी ( Deewar khadi ho gayi )   उतरेगा वो फलक से सबकी नज़र रही। उम्मीद वस्ल-ए-खास की अक्सर जब़र रही।कहने को तुम सही थे...

दहलीज | Dahleez kavita

दहलीज ( Dahleez )  दहलीज वो सीमा रेखा मर्यादाएं जिंदा रहती है आन बान और शान की सदा कहानी कहती है  घर की दहलीज से बेटी जब ससुराल...

जमीं अपनी है | Poetry of Dr. Kaushal Kishore Srivastava

जमीं अपनी है ( Zamee apni hai )   पार कर कांटो को कली फूल बनी है । तपिश मिट्टी की ही तो हीरे की कनी है ।।   राह...

गुलशन | Gulshan geet

गुलशन ( Gulshan )    गुल खिले गुलशन खिले खिलती चले बहार महकती फिजायें सारी चमन हुआ गुलज़ार  दिल की हसीं वादियो में फूलों का डेरा है खुशबूओं से भरा...

परेशाँ | Ghazal preshan

परेशाँ ही इसलिए ये दिमाग़ है मेरा ( Pareshan hi isliye ye dimag hai mera )    परेशाँ  ही  इसलिए  ये  दिमाग़ है मेरा ख़ुशी के पल जिंदगी...

वर्ष 2017 के शेष कृति पुरस्कारों की घोषणा

वर्ष 2017 के शेष कृति पुरस्कारों की घोषणा  भोपाल। साहित्य अकादमी, मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद्, मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग, भोपाल द्वारा कैलेण्डर वर्ष 2017 के शेष...

शीशों के घर | Sheeshon ke Ghar Kavita

शीशों के घर ( Sheeshon ke ghar )    शीशों के घर लड़ते हैं । पत्थर हम पर पड़ते हैं ।।   कहने के ही पत्थर हैं । शीशों से भी...

पाठक मंच का महा अभियान

पठन संस्कृति को समृद्ध करने पाठक मंच का महा अभियान ग्रंथालयों में पहुंचा रहा साहित्य  छिंदवाड़ा - साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद की जिला इकाई...