Monthly Archives: January 2022

धवल | Kavita dhawal

धवल ( Dhawal )   हिमगिरी से हिम पिघल पिघल धवल धार बन बहता है धार धवल मानो हार नवल हिमपति कंठ चमकता है कल कल बहता सुरसरि जल...

धीरज | मनहरण घनाक्षरी छंद

धीरज ( Dheeraj )   नर धीरज धारिये, संयम धरे विचार। धीरे-धीरे बढ़ चलो, ध्वज लहराइये।   धैर्यपूर्वक जो चले, शील गुणी जन जान। धीरे-धीरे मुखर हो, पहचान पाइए।   धीर अमोध अस्त्र...

विश्व हिन्दी दिवस की पूर्व संध्या पर अंतरराष्ट्रीय वेबिनार

अद्यतन के संपादक प्रो. डॉ. ब्रजनंदन किशोर, पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष, डी.ए.वी. स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जयप्रकाश विश्वविद्यालय, छपरा की अध्यक्षता एवं संस्था के महासचिव डॉ. मुन्ना...

हर ख़ुशी से ग़रीब ए आज़म | Gareeb Shayari

हर ख़ुशी से ग़रीब ए आज़म ( Har khushi se Garibe Aazam )    हर ख़ुशी से ग़रीब ए आज़म! बदलेगा कब नसीब ए आज़म  इसलिए शहर छोड़ आया...

मौसम की मार | kavita mausam ki maar

मौसम की मार ( Mausam ki maar )   शीतलहर ढ़ाहत कहर दिखाई न देता डगर है, पग-पग जोखिम भरा मुश्किल हुआ सफ़र है,    सनसन चलती हवा ठंडक से...

मिनखपणो पिछाणो | Rajasthani poem

मिनखपणो पिछाणो ( Rajasthani kavita )    मुंडो देख र टीकों काढै गांठ सारूं मनुवार करै। घर हाळा सूं परै रवै और गांवा रा सत्कार करै।।  मीठी-मीठी मिसरी घोळे बातां सूं रस...

इश्क में तेरे | Ishq shayari

इश्क में तेरे ( Ishq Mein Tere )    हम क्या थे  क्या हुये इश्क में तेरे दिल्लगी हुई दिल की लगी इश्क में तेरे  लफ्ज जो तू बोले,...

छोड़ दिया | Ghazal chhod diya

छोड़ दिया ( Chhod diya )   धीरे धीरे ही मगर छोड़ दिया, तेरी आदत सी पड़ गयी थी मुझे। कब तलक बेजती को सहते हम, खुद से...

युवाओं के लिए बेहद चर्चा का विषय रहा बेहद मोहब्बत |...

बिहार कई बड़े साहित्यकारों की धरती रही है। निरंतर इस मिट्टी से कोई न कोई कवि और लेखक निकलता ही आ रहा है। इसी...

खट्टी मीठी यादें | Khatti meethi yaadein kavita

खट्टी मीठी यादें ( Khatti meethi yaadein )    वर्ष बीत गया कुछ कुछ कवड़ी मगर सच्ची यादें सब के जीवन को बदला कुछ अच्छी सच्ची बातें  आहिस्ता आहिस्ता...