Yearly Archives: 2022

सूर्य अस्त होने लगा | कुण्डलिया छंद | Kundaliya chhand ka...

सूर्य अस्त होने लगा ( Surya ast hone laga )   सूर्य अस्त होने लगा, मन मे जगे श्रृंगार। अब तो सजनी आन मिल, प्रेम करे उदगार।। प्रेम करे उदगार, रात को...

मुक्तक : कल एक फूल इसी घुटन में मर गया

 कल एक फूल इसी घुटन में मर गया ( Kal ek phool isi ghutan mein mar gaya )   कल इक फूल इसी घुटन में मर गया, कि...

तुम मत रोना प्रिय | Poem tum mat rona priye

तुम मत रोना प्रिय ( Tum mat rona priye )   तुम मत रोना प्रिय मेरे, यह तेरा काम नही है। जिससे मन मेरा लागा, मोरा घनश्याम वही...

ब्रजभूमि साहित्यिक मंच मथुरा पर वार्षिक मैराथन काव्य गोष्ठी

ब्रजभूमि साहित्यिक मंच मथुरा पर वार्षिक मैराथन काव्य गोष्ठी-: मथुरा (उ.प्र.) दि.२१/०४) २०२२ दिन गुरुवार को ब्रजभूमि साहित्यिक मंच के एक वर्ष पूर्ण होने...

वाहवाही लूटने लगे | Kavita vaahavaahi lootane lage

वाहवाही लूटने लगे ( Vaahavaahi lootane lage )   छा गए बड़े मंच पर लेकर शब्दों के माया जाल। हथकंडों से शोहरत पा छवि बनाई बड़ी कमाल।   वाकपटुता के...

धरती माँ | Chhand dharti maa

धरती माँ ( Dharti Maa )   धरती मांँ धरती माँ, लाल को लोरी सुना दो। लड़े समर में वीर, प्यार दो दुलार दो माँ।   शूरवीर महारथी, योद्धा जांबाज सिपाही। मातृभूमि चरणों में, लाडलो...

सिंगर इशिता विश्वकर्मा | Poem Singer Ishita Vishwakarma

सिंगर इशिता विश्वकर्मा ( Singer Ishita Vishwakarma )जबलपुर का अभिमान् हो तुम   1.इशिता हो तुम आसमान,जबलपुर की हो तुम शान | बडे-बडे दिग्गज को दी टक्कर,तुमने पाया...

अखियां लड़ गई | Geet akhiyan lad gayi

अखियां लड़ गई ( Akhiyan lad gayi )   अखियां लड़ गई भरे बजार दिल को करार आया। उनको देखा पहली बार दिल को मेरे प्यार आया। अखियां लड़...

सिया के राम | Poem Siya Ke Ram

सिया के राम ( Siya Ke Ram )   सिया के राम जन्म लेकर, पतित का नाश करेगे अब। ताड़का खर दूषण के संग, नाराधम मारेगे वो अब।   धरा...

निबंध : सामाजिक आर्थिक विकास में गैर सरकारी संगठनों की भूमिका

सामाजिक आर्थिक विकास में गैर सरकारी संगठनों की भूमिका ( Role of NGOs in Socio-Economic Development : Essay in Hindi )   प्रस्तवना :- सरकार और गैर सरकारी...