सफर का अकेलापन | Kavita Safar ka Akelapan
सफर का अकेलापन
( Safar ka Akelapan )
भीड़ में भी अकेला हूं
अकेले में भी भीड़ बहुत है
इसे कहूँ बाजार, या तन्हाई
या कहूँ अकेलापन!
कोई पढ़...
रागिनी | Kavita Ragini
" रागिनी "
( Ragini )सुमधुर गुंजार कोकिल
चमक चपला सी चलन का।
रुचिर सरसिज सुमनोहर
अधर रति सम भान तन का।
गगन घन घहरात
जात लजात लखि लट लटकपन...
कल और आज | Kal aur Aaj
कल और आज
( Kal aur aaj )
पहले जब सात्विक खाते थे,
तब हम तंदुरुस्त कहलाते थे।
आज केएफसी में जाते हैं,
तामसी आहार मंगवाते हैं।
पहले घर पर...
आओ हम सब मिलकर के ऑक्सीजन बनातेहैं | Kavita
आओ हम सब मिलकर के ऑक्सीजन बनातेहैं
( Aao hum sab milkar ke oxigen banate hai )
आओ हम सब मिलकर के कसम खाते हैं,
अपने अपने...
Love Kavita | मैं तेरा हो जाऊं
मैं तेरा हो जाऊं
( Main Tera Ho Jaoon )
तेरी बाहों में सर रख कर सो जाऊँ;
तेरे हंसी खाबों में फिर से खो जाऊँ ।
हम...
सच्चाई की ताकत | Sachai ki taqat poem
सच्चाई की ताकत
( Sachai ki taqat ) किन्तु परन्तु में न अमूल्य समय गंवाए,
जो बात सही हो, खरी खरी कह जाएं।
होती अद्भुत है सच्चाई की...
हिन्दी कविता बेटी | Poem by Sumit
"बेटी"
नील गगन को छूना चाहती हूँ,
आसमान में उड़ना चाहती हूँ,
माँ मुझे भी दुनिया में ले आ
मैं भी तो जीना चाहती हूँ ।
मुझे भी खूब...
कहीं किसी मोड़ पर | Kahin kisi mod par | Kavita
कहीं किसी मोड़ पर
( Kahin kisi mod par )
फूल खिलने मन मिलने लगे महक गई वादियां
मनमीत मिले संगीत सजे लो होने लगी शादियां
आओ...
आती नहीं दिवाली कभी हमारे घर | Diwali par kavita in...
आती नहीं दिवाली कभी हमारे घर
( Aati nahi diwali kabhi hamare ghar )
आती नहीं दीवाली तुम क्यों, कभी हमारे छोटे घर।
हर बार तुम क्यों...
मैं तुम्हारे प्रेम में
मैं तुम्हारे प्रेम में
मैं तुम्हारे प्रेम में
तुम्हारे हाथ की
मेहंदी होना चाहता हूं
जो तुम्हारे हाथों को भी महकाए
और
मेरे दिल को भी बहकाए.....!
तुम्हारे प्रेम में
मैं तुम्हारे...