आम के आम गुठलियों के दाम | Kavita Aam ke Aam

आम के आम गुठलियों के दाम ( Aam ke Aam guthliyon ke daam )   आम के आम हो जाए, गुठलियों के दाम हो जाए। अंगुली टेड़ी...

“माँ” आज भी मुझे बाबू कहके बुलाती है

"माँ" आज भी मुझे बाबू कहके बुलाती है   यशोदा-कौशल्या से ज़्यादा लाड लड़ाती, देख-देख अठखेलियां मंद-मंद मुस्काती, आशीषों की झड़ी लगा के लेती है बलाए, आज भी माथा...

पदचिन्ह | Kavita Padachinh

पदचिन्ह ( Padachinh )   पदचिन्हों का जमाना अब कहां पदलुपतों का जमाना अब जहां परमसत्ता को शब्द-सत्ता से च्युत करने की साजिश है जहा तिनका-तिनका जलेगा मनुज अपने ही कर्मों...

सफर का अकेलापन | Kavita Safar ka Akelapan

सफर का अकेलापन ( Safar ka Akelapan )   भीड़ में भी अकेला हूं अकेले में भी भीड़ बहुत है इसे कहूँ बाजार, या तन्हाई या कहूँ अकेलापन! कोई पढ़...

आसमान तक पहुंच हो

आसमान तक पहुंच हो   आसमान तक पहुंच हो, धरती पर हो पांव। कर लो शुभ कर्म ऐसे, रोशन हो जाए गांव। कीर्ति पताका नभ छाए, दुनिया में...

मतदान महोत्सव | Kavita Matdan Mahotsav

मतदान महोत्सव ( Matdan Mahotsav )   लोकतंत्र का महान महोत्सव मतदान करना शक्ति भक्ति महान महोत्सव मतदान करनाराष्ट्र भक्त का कर्त्तव्य मतदान करें देश हित्त में मिलजुल...

बस्ता | Kavita Basta

बस्ता ( Basta )   पीठ पर लादे गोवर्धन-सा बड़ा बस्ता दीखे गिरिधर आ रहे हैं श्यामसुंदर चढ़ रहे वे सोपान शिक्षा के डगमगाते पांव पतले कांपते-हांफते तीसरी में ही ग्ए बन गए हैं फायियान ढ़ो...

पिता का अस्तित्व | Kavita Pita ka Astitva

पिता का अस्तित्व ( Pita ka Astitva )   पिता पी ता है गम जिंदगी के होती है तब तैयार कोई जिंदगी गलकर पी जाता है स्वप्न पिता बह...

तमाशा | Kavita Tamasha

तमाशा ( Tamasha )   कौन कहता है आईने झूठ नहीं बोलते वे चेहरे के पीछे की परतों को कहाँ खोलते हैं दिये गये सम्मान में भी दिली सम्मान कहाँ...

महाराष्ट्र दिवस | Aalekh Maharashtra Diwas

कोकण, मराठवाडा, विदर्भ, खानदेश को शामिल कर २२९ तालुका वाले महाराष्ट्र राज्य की स्थापना १ मई, १९६० ई. को हुई थी, इसके पीछे की...