घर की देवी | Ghar ki devi par kavita

घर की देवी ( Ghar ki devi )   ज्ञान के आभूषण से अलंकृत महत्वकांक्षी,आत्मसम्मान से भरी जीवन के संघर्षो से नही हारी सशक्त हूं तृष्णाओं से परे हूं ।।   ओज...

परिवार | Parivar par kavita

परिवार ( Parivar )   चाहे कोई कितना भी हो पास, चाहे तुम हो किसी के कितने भी खास। छोटी-बड़ी बातों को पल में जो भुला दे, वो परिवार ही...

नवभिहान | Navabihan

नवभिहान ( Navabihan )   बीती रात अब हुआ सवेरा नवभिहन का अभिनंदन हो नव रचना से श्रृंगार करो फिर जग भर भारत का वंदन हो मानो,आरंभ के गुजरे वर्ष 76 नव...

वक्त का दौर | Waqt ka Daur

वक्त का दौर ( waqt ka daur )    समझौता जरूरी है जिंदगी में अगर वह सामान, संबंध या साथ का हो बहुत कठिन होता है देख पाना अपने स्वाभिमान...

सिंदूर दान

सिंदूर दान   रक्त वर्ण सुवर्ण भाल कपाल का श्रृंगार है यह। ये मेरा सिंदूर है भरपूर है संस्कार है यह।।  तुम न होते मैं न होती कौन...

माता-पिता और हम

माता-पिता और हम   ->पिता जडें-माँ वृक्ष, तो हम फल फूल पत्ते हैं || 1.लंम्बा रास्ता-लंम्बा सफर, मुसाफिर हम कच्चे हैं | नहीं है अनुभव नई राहों का,...

पीला रंग | Peela Rang par Kavita

पीला रंग ( Peela rang )    पीली पीली सरसों महकी महका मधुमास सारा। फागुन का महीना होली रंगों का त्योहार हमारा। पीत वर्ण गजानन सोहे भर दे रिद्ध...

सावन परम सोमवार | Sawan Param Somvar

सावन परम सोमवार ( Sawan param somvar )  शीर्ष साधना स्तुति   शिवत्व दिव्य भव्य आभा, आराधनिक बना परिवेश । महादेव स्नेहिल कृपा दृष्टि, सुख समृद्धि घर द्वार प्रवेश । अंतर स्थल...

कही अनकही | Kahi Unkahi

कही अनकही ( Kahi Unkahi )   बीत जाता है वक्त रह जाती है सिर्फ उनकी यादें धुंधलाते से चेहरे और कहीं अनकही बातें तब होता नहीं महसूस कुछ प्रेम ,क्रोध या...

आओ जी लें प्यार से कुछ पल | Aao Jee le...

आओ जी लें प्यार से कुछ पल ( Aao jee le pyar se kuchh pal )   अंतस्थ वृद्धन अंतराल , निर्मित मौन कारा । व्याकुल भाव सरिता, प्रकट सघन...