रोटि | Roti par Bhojpuri Kavita

" रोटि " ( Roti )    बड़ी अजीब दुनिया बा रोटी उजर तावा करिया बा केहु पकावे केहु खाये कुर्सी पे ब‌इठ हाथ हिलाये जे पकाय जरल खाये सुन्दर रोटी कुर्सी...

अनहार | Anhar par Bhojpuri Kavita

"अनहार, दिया आऊर आस " ( Anhar, diya aur aas )    दीया जला देहनी हऽ ओहिजा काहे से उहवा रहे अनहार जहवां से कइगो राही गुजरे जाने कब केहू...

गिर के उठनी | Bhojpuri Kavita Gir ke Uthani

" गिर के उठनी " ( Gir ke uthani )   आज उठे के समय हमरा मिलल देख हमरा के कवनो जल उठल खिंच देलक गोंड हमर ऐ तरह...

आयल फगुनवाँ घरे-घरे | Bhojpuri Holi Geet

आयल फगुनवाँ घरे-घरे! ( Ayal fagunwa ghare - ghare )    आयल फगुनवाँ घरे -घरे, चोलिया भीगै तरे -तरे। (2) होली है........ बाजै लै ढोल औ बाजै मृदंग, उड़े ग़ुलाल लोग...

महल | Mahal Bhojpuri Kavita

महल ( Mahal )    धूल में मिल के सब धूल भईल का पताका , का सिंघासन कवन भुल भईल आज दुनिया देख रहल चुप चाप ओके छप पन्ना में...