लिखेंगे हम लेखनी की धार | lekhni ki Dhaar

लिखेंगे हम लेखनी की धार ( Likhenge hum lekhni ki dhaar )   हम पैसे देकर रचना सुनो कभी नहीं छपवाएंगे। दम होगा लेखनी में प्रकाशक खुद चले...

पातुक | Patuk par Kavita

पातुक ( Patuk )    नशें में बेसुध आदमी की बगल में पड़े बोतल पव्वों को कचरा बिननें वाले ने उठाकर रखा अपनी पीठ पीछे लदे प्लास्टिक के झोले में तो सभी...

बनारस भाग-२ | Poem on Banaras

बनारस भाग-२ ( Banaras )   ब्रह्मा, विष्णु सदा विराजें, करता है गुणगान बनारस। बँधती गँठरी पुण्य की देखो, सुख की है खान बनारस। दोष-पाप सब दूर है करता, ऐसा है वो...

टूटकर फूल डाली से | Phool par Kavita

टूटकर फूल डाली से ( Toot kar phool daali se )    टूटकर फूल डाली से गिरा जब चमन में बगिया हर्षित हुई थी भाव उमड़े मन में खुशबुओं...

रामदुलारे | Ram Dulare

रामदुलारे ( Ramdulare )    घट घट में श्री राम बिराजे रोम रोम श्रीराम है। राम सेवा में आतुर रहते रामभक्त हनुमान है। रामदुलारे अंजनी लाला पवन पुत्र हनुमान...

जगत के पालक श्रीराम | Poem in Hindi on Shri Ram

जगत के पालक श्रीराम ( Jagat ke palak Shri Ram )   जगत के पालक श्रीराम सृष्टि संचालक श्रीराम भक्त प्रति पालक श्रीराम शक्ति चालक श्रीराम घट घट में...

आओ अस्पताल बनवाएं | Hospital par Kavita

आओ अस्पताल बनवाएं ( Aao aspatal banaye )    आओ मिलकर नेक कार्य ऐसा हम ये कर जाएं, सबके लिए सार्वजनिक यह अस्पताल बनवाएं। जहां होगा हर रोगी की...

कलरव | Karlav par Kavita

कलरव ( Karlav )   आज मनवा चहक रहा है चमन सारा महक रहा है। खिल गई कलियां सारी आंगन सारा चहक रहा है। डाल डाल पे पंछी कलरव...

बनारस | Banaras par Kavita

बनारस ( Banaras )   (भाग -1)   भोले का दरबार बनारस, जीवन का है सार बनारस। विश्व मशहूर सुबह-ए-बनारस, देखो अस्सी घाट बनारस। संस्कृति का श्रृंगार बनारस, मुक्ति का है द्वार बनारस। होता है...

जगरगुंडा कुण्डेर बेदरे | Jagargunda par Kavita

जगरगुंडा कुण्डेर बेदरे ( Jagragunda Kunder Bedre )   अच्छे-अच्छो के छूट जाते है केवल नाम से पसीने, नक्सलियों का गढ़ है ये जगरगुंडा कुण्डेर व बेदरे। घना यह...