लगन | Hindi chhand kavita

लगन ( Lagan )  मनहरण घनाक्षरी   मीरा सी लगन लगे, मन में उमंग जगे। प्रेम की तपन कोई, उर मे जगाइए।   मौसम सुहाना छाए, काली घटा घिर आए। मन में लगन जगे, जतन...

जज़्बातों की दास्तान | Poem on Jazbaat in Hindi

जज़्बातों की दास्तान ( Jazbaaton ki dastaan )   जीवन की आधी रातें सोच-विचार में और आधे दिन बेकार हो गए, जो थे आंचल के पंछी अब हवा के साहूकार...

मैं सैनिक हूँ | Sainik par kavita

मैं सैनिक हूँ  ( Main sainik hoon )   मैं हूॅं भारतीय  सेना का वीर,आग हवा कांटे चाहें हो नीर।सर्दी गर्मी चाहे वर्षा चले घोर,रखता सदा रायफल...

मां बाप बेवजह बदनाम होते है | Poem dedicated to parents...

मां-बाप बेवजह बदनाम होते है ( Maa-baap bewajah badnaam hote hai )     शिक्षा संस्कार देते हमें अंगुली पकड़ सीखलाते हैं। लाड प्यार से पालन करते वो प्रेम...

मां के आंगन की मिट्टी | Dr. Preeti Parmar Poetry

मां के आंगन की मिट्टी ( Maan ke aangan ki mitti )    दो पल के लिए मेरे मन उस रास्ते से गुजर जाऊं मां के आंगन की मिट्टी अपने...

राष्ट्रवादी कवि हरिवंशराय बच्चन | Harivansh Rai Bachchan par kavita

राष्ट्रवादी कवि हरिवंशराय बच्चन ( Rashtrawadi kavi harivansh rai bachchan )     हिन्दी साहित्य में जिनका यह आदरणीय स्थान, हरिवंश राय बच्चन है ऐसी शख्सियत का नाम। कई कथाएं...

उठ जाग मुसाफिर भोर भई | Geet uth jaag musafir

उठ जाग मुसाफिर भोर भई ( Uth jaag musafir bhor bhai )    चार दिन की चांदनी है, दो दिन का मेला है। झूठी जग की माया है,...

जिन्दगी का गुलिस्तां | Poem on zindagi in Hindi

जिन्दगी का गुलिस्तां ! ( Zindagi ka gulistan )    झुकता है आसमां भी झुकाकर तो देखो, रूठने वाले को तू मनाकर तो देखो। प्यार में होती है देखो...

अपनों से प्यार पाता हूं | Geet apno se pyar pata...

अपनों से प्यार पाता हूं ( Apno se pyar pata hoon )    रिश्तो की डगर पर जिम्मेदारी खूब निभाता हूं जीवन के उतार-चढ़ाव में संभल कर जाता...

एक ऐसा एहसास | Ehsaas kavita

एक ऐसा एहसास ( Ek aisa ehsaas )     कविता नही, कुछ खास लिख रहा हूं तेरे लिए एक ऐसा, एहसास लिख रहा हूं।   मिल कर न बिछड़ने का बिछड़कर...