नदी पार के लोग | Laghu Katha Nadi Paar ke Log

नदी रामपुर और कैथा गाँव के बीच से होती हुई बहती है। बरसात में जब वह उफनती है तो दोनों गाँव के खेतों को...

रोशनी | Kahani Roshni

मनुष्य को गरीबी क्या ना कराएं । रोशनी के पिता इतने गरीब थे कि दो वक्त की रोटी का जुगाड़ हो सके इसलिए उसे...

आंखों से करती जादू है | Ghazal Aankhon se

आंखों से करती जादू हैआंखों से करती जादू है दिल होता यूं बेकाबू है सांसें महके तुझमें हर पल उड़ती जो तेरी ख़ुशबू है देख रहा है...

लौट आओ ना पापा | Katha Laut Aao na Papa

नेहा का कोई संसार में अपना सा लगता था तो वह थे - उसके पापा! उसके पापा भी उसे बहुत चाहते थे। जब उन्हें...

जीवन सूना सूना सा | Katha Jeevan Soona Soona sa

सुदूर दक्षिण प्रांत में एक मास्टर जी है । उनकी जिंदगी बड़े आराम से गुजर रही हैं । पति पत्नी बहुत ही हंसी खुशी...

सुर असुर | Katha Sur Asur

प्राचीन काल में सुर और असुर दो भाई थे । दोनों सहोदर थे।। जो भाई काम से जी चुराते थे। किसी प्रकार काम निकाल...

मेहनत के बावजूद | Laghu Katha Mehnat ke Bawajood

जीवन जन्म से ही एक पांव से कुछ दबता है और उसे गरीबी भी विरासत में मिली हुई है। लेकिन उसका घर अपना शहर...

एक आस अब भी | Kahani Ek Aas Ab Bhi

सुदेश जी का अपना बसा बसाया कारोबार हो चुका है जिंदगी एक प्रकार से सेटल हो गई इसके लिए उन्होंने बहुत बड़ी कीमत चुकानी...

नालायक | Laghu Katha Nalayak

"अंकल, हम आपकी बेटी जैसी नहीं लगती जो आप इस घर में इतना तनाव बनाए हुए हैं? पापा मेरे, आपकी बेटी की शादी के...

कब आएगी माई | Kahani Kab Ayegi Mai

दिव्यांश अभी 2 वर्ष का भी नहीं हुआ था कि उसकी दादी नहीं रही। वह दादी को माई ही कहकर बुलाया करता था। दादी...