जंगल | Jungle par Bhojpuri kavita
" जंगल "
( Jungle )
जंगल हऽ देश के थाथी
जे में रहे हाथी
गाछ, पेड़ बरसाती
चिता, शेर अउर कई गो जाती
जंगल हऽ देश के थाथी
जे में...
महल | Mahal Bhojpuri Kavita
महल
( Mahal )
धूल में मिल के सब धूल भईल
का पताका , का सिंघासन कवन भुल भईल
आज दुनिया देख रहल चुप चाप ओके
छप पन्ना में...
अनहार | Anhar par Bhojpuri Kavita
"अनहार, दिया आऊर आस "
( Anhar, diya aur aas )
दीया जला देहनी हऽ ओहिजा
काहे से उहवा रहे अनहार
जहवां से कइगो राही गुजरे
जाने कब केहू...
मजबूर | Bhojpuri kavita majboor
मजबूर
( Majboor )
खुन के छिट्टा पडल, अउर पागल हो गइल
ना कवनो जुर्म कइलक, कवन दुनिया में खो गइल
जब तक उ रहे दिवाना, शान अउर...
पहचान | Pahchan par Bhojpuri Kavita
पहचान
( Pahchan )
हम बिगड़ गइल होती
गुरु जी जे ना मरले होते
बाबु जी जे ना डटले होते
भइया जे ना हमके समझइते
आवारा रूप में हमके पइते
बहिन...
मिठ्ठा | Miththa Bhojpuri Kavita
मिठ्ठा
( Miththa )
मिठ्ठा के गोली, भेल्ली कहाला
कई गो दवाई में, काम आ जाला
गनना के रस पाक के भेलली हो जाला
चना के साथ सबेरे खोजाला
गोर...
हे राजा हमके चौपाटी घुमाय द्या | Hey Raja
हे! राजा हमके चौपाटी घुमाय द्या
माया नगरिया कै चेहरा दिखाए द्या,
हे! राजा हमके चौपाटी घुमाय द्या। (2)सोना और चाँदी जैसी मुंबई नगरिया,
गम-गम-गमकै-गमकै लै...
रोपया | Poem on rupees in Bhojpuri
" रोपया "
( Ropya )
रोपया के ना कवनो जात
जे के ज्यादा उहे बाप
उहे दादा उहे भाई
चाहे हो कईसनो कमाई
रोपया से समान मिलेला
जित धरम अउर...
रोटि | Roti par Bhojpuri Kavita
" रोटि "
( Roti )
बड़ी अजीब दुनिया बा
रोटी उजर तावा करिया बा
केहु पकावे केहु खाये
कुर्सी पे बइठ हाथ हिलाये
जे पकाय जरल खाये
सुन्दर रोटी कुर्सी...
श्मशान | Shamshan par Bhojpuri Kavita
" श्मशान " भोजपुरी कविता
( Shamshan )
चार कंधा पे पड़ाल एगो लाश रहे
फूल ,पईसा के होत बरसात रहे
राम नाम सत्य ह सब केहू कहत...