Chalo Ayodhya Dham

चलो अयोध्या नगरिया

( Chalo ayodhya nagariya )

 

होली खेलें रघुबीर,
चलो अयोध्या नगरिया। (4)

हँसी-ठिठोली संग खेलेंगे होली,
सजी अयोध्या जैसे दुल्हन-नबेली।
वहाँ तारेंगे अधम शरीर,
चलो अयोध्या नगरिया,
होली खेलें रघुबीर। (2)

गमक रहा बागों में बसंती महीना,
बन गया राममंदिर चौड़ा है सीना।
बदल गई ऊ पुरानी तस्वीर,
चलो अयोध्या नगरिया,
होली खेलें रघुबीर। (2)

चमक रही देखो फागुन की अंजोरिया,
कुहू -कुहू बोल रही डाल पे कोयलिया।
उड़ रही नभ से अबीर,
चलो अयोध्या नगरिया,
होली खेलें रघुबीर। (2}

पंख लगाके मन कहता उड़ि जाऊँ,
राम के चरनियाँ में मथवा टेकाऊँ।
संवर जाती सबकी तकदीर,
चलो अयोध्या नगरिया,
होली खेलें रघुबीर। (2)

रामकेश एम यादव (कवि, साहित्यकार)
( मुंबई )

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here