Dr. Bhimrao Ambedkar par Kavita
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डॉ.भीमराव अम्बेडकर जयंती

( 2 )

चौदह अप्रेल अम्बेडकर जयंती है जशन मनायें
संविधान निर्माता की जयंती है जशन मनायें

अभावों में जीवन बसर कर आगे बढ़े
पग पग पर अपमान झेल आगे बढ़े

मां बाप का चौदहवां रतन अनमोल हीरा
चौदह अप्रैल जयंती भारत रतन अनमोल हीरा

विदेश में शिक्षा अर्जित की इकलोता शेर
मुश्किल ह़ालात में दहाड़ा था इकलोता शेर

कथनी करनी में अंतर नहीं करके बताया
आज़ाद भारत का संविधान लिख कर बताया

दुनिया के विभिन्न देशों का निचोड़ संविधान
देश की आन बान शान जान संविधान

शिक्षा संगठना संघर्ष का दिया मूल मंत्र
समानता का अधिकार मज़बूत किया लोक तंंत्र

वोट की त़ाक़्त दी आज़ाद भारत में
राज शाही समाप्त की आज़ाद भारत में

आओ मिले कर कारवां को आगे बढ़ायें
रोक सके नहीं कोई सबको पाठ पढ़यें

‘कागा’ क़दम चूमेगी मंज़िल आगे बढ़ते चलो
जागो जगाओ सोते हुऐ को बढ़े चली

कवि साहित्यकार: तरूण राय कागा

पूर्व विधायक

( 1 ) 

समरसता के प्रसून खिले,हिंद के उपवन में

समता समानता सर्वत्र दर्शन,
निर्धन नारी उत्थानित पथ ।
जाति विभेद मूल अस्त,
हर नागरिक दृढ़ प्रज्ञा शपथ ।
सामाजिक न्याय सेतु प्रगति,
मानवता अभिवंदन भुवन में ।
समरसता के प्रसून खिले, हिंद के उपवन में ।।

नारी श्रमिक आदिवासी दलित,
सामाजिक संरचना अहम अंग ।
दमन चक्र नित विमुक्ति कदम,
प्रदत्त अधिकार खुशियां कंग।
शिक्षा संग चिन्मयी स्पंदन,
सुख समृद्धि शांति परस्पर प्रवण में ।
समरसता के प्रसून खिले, हिंद के उपवन में ।।

संविधान सम्मान अनुपालना ,
सर्व नागरिक नैतिक धर्म ।
अधिकार पूर्व कर्तव्य निर्वहन,
विधिक परिध सुसंपन्न कर्म ।
आर्थिक राजनैतिक सामाजिक क्षेत्र ,
नव आयाम स्थापना पल्लवन में ।
समरसता के प्रसून खिले, हिंद के उपवन में ।।

शिक्षा संगठन संघर्ष बिंदु,
डॉक्टर अंबेडकर अनूप उद्घोष ।
समानता बंधुत्व न्याय संग ,
स्वतंत्रता दर्शन जीवन परितोष ।
स्नेह प्रेम भाईचारा निर्झर,
शोभित सद्भाव अनुपमा चितवन में।
समरसता के प्रसून खिले, हिंद के उपवन में ।।

महेन्द्र कुमार

नवलगढ़ (राजस्थान)

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