बेटी उर्फ नारी | Beti urf Nari
बेटी उर्फ नारी
( Beti urf nari )
बेटी बनकर वह बाबुल घर आई
राखी बांध भैया की बहना कहलाई
दादा ,दादी , ताऊ और ताई सबकी
मानो थी...
शेरू | Sheroo
रात्रि के 11:00 बजे की घंटी बज चुकी थी फिर भी शेर अभी हिसाब मिलने में व्यस्त था । उसे अभी-अभी चिंता सता रही...
बेटी मां की परछाई | Beti Maa ki Parchai
बेटी मां की परछाई
( Beti maa ki parchai )
मां की तरह,
मीठी मीठी बातें करती।
घर आंगन महका देती,
नन्हे नन्हे हाथों से,
ला रोटी पकड़ा देती।
एक रोज...
जिम्मेदार कौन | Zimmedar Kaun
एक मंदिर में साईं बाबा की मूर्ति स्थापित की जा रही थी। ढोल नगाड़े बज रहे थे। साईं बाबा की मूर्ति शंकर भगवान के...
रश्मिरथी | Rashmirathi
रश्मिरथी
( Rashmirathi )
देख सखी दिनकर नहीं आए
आहट सुन रश्मि रथियों ने खोली द्वारा
निशाचर डींग हांक रहे थे जो
वह दुम दबाकर गये भाग
कल की रात्रि...
आओ जी लें प्यार से कुछ पल | Aao Jee le...
आओ जी लें प्यार से कुछ पल
( Aao jee le pyar se kuchh pal )
अंतस्थ वृद्धन अंतराल ,
निर्मित मौन कारा ।
व्याकुल भाव सरिता,
प्रकट सघन...
नौशाबा की कविताएँ | Naushaba Poetry
सहारा
लड़ा नही जाता अब हालातो से
अब टूटते हुए सपनो के टुकड़ों को
संभाला नही जाता
मां की ममता का स्नेह अब
बताया नही जाता
अब बस दुआ वों...
अर्थ हीन | Arth-Heen
अर्थ हीन
( Arth-Heen )
एक स्त्री के लिए
अच्छा घर,अच्छा पति
अच्छे बच्चे, सास ससुर
और ,एक अच्छी खासी आमदनी भी
तब,किसी काम की नही होती
जब, उस परलगा...
श्री महर्षि गज अरविन्द | Sri Maharshi Gaj Arvind
दिव्य जीवन पथ - प्रदर्शक संत -- श्री महर्षि गज अरविन्द
संसार में कभी-कभी ऐसे दिव्य महापुरुषों का अवतरण होता है जिनके त्याग , समर्पण,...
रक्षाबंधन का बसंत | Raksha Bandhan ka Basant
रक्षाबंधन का बसंत
( Raksha Bandhan ka Basant )
अब न रिस्तों का होगा अंत
रक्षा बंधन का आया है
ले लेकर खुशियों का बसंत
अब न रिस्तों का...