आई मस्त बहारें | Poem aayi mast baharen
आई मस्त बहारें
( Aayi mast baharen )
लो आई मस्त बहारें,
गली-गली द्वारे द्वारे।
सावन के झूले लगे,
झूम झूम नाचे सारे।
हर हर महादेव,
हे सब देवों के देव।
जग...
कितने कर चुकाये | Kitne kar chukaye
कितने कर चुकाये
( Kitne kar chukaye )
आयकर खाय कर खरीद कर पक गए
आम आदमी यहां कर चुकाते थक गए
भूमिकर मकान कर संग दुकान कर...
रुग्ण जीवन | Poem rugn jeevan
रुग्ण जीवन
( Rugn Jeevan )
इस रूग्ण जीवन का मेरे विस्तार है,
हर शक्स ही मेरा यहाँ उस्ताद है।
समझो अगर तो वाह ना तो आह है,
अब...
गुरु नमन | Guru par kavita
गुरु नमन
( Guru Naman )
गुरु क्या मिले जिंदगी मिल गई है।
सारे जहां की खुशी मिल गई है।।
अनमोल मोती भरा सिंधु सारा।
दमकता सूरज गुरु भाग्य...
वर्षा भैया भारी | Varsha bhaiya bhari
वर्षा भैया भारी
( Varsha bhaiya bhari )
शाम शाम के होन लगी है वर्षा भैया भारी,
जगह जगह पे छिपन लगे है सबरे नर और नारी।
कहीं...
भाग्यहीन | Poem bhagyaheen
भाग्यहीन
( Bhagyaheen )
कहाँ गए रणछोड द्रौपदी, पर विपदा अब भारी है।
रजस्वला तन खुले केश संग,विपद में द्रुपद कुमारी है।
पूर्व जन्म की इन्द्राणी अब,श्रापित सी...
दिल का बहकना | Dil ka bahakna | Chhand
दिल का बहकना
( Dil ka bahakna )
मनहरण घनाक्षरी
दिलकश हो नजारे,
कोई हमको पुकारे।
लगे स्वर्ग से सुंदर,
महकती वादियां।
दिल दीवाना हो जाए,
दिल कहीं पे खो जाए।
प्रीत के...
मन हो जब | Poem man ho jab
मन हो जब
( Man ho jab )
मन हो जब
खोल लेना
दरवाज़े
आंखों के
दिल के
खड़ी दिखूंगी
यूं ही
इस पार
फकीरन (जोगन) सी
हाथ फैलाए
रख देना
कुछ लफ्ज़
महोब्बत के
नफ़रत के
रख लूंगी
हाथ की...
नवलगढ़ के साहित्यकार कवि रमाकांत सोनी की कृति काव्य के स्वर्णिम...
जिज्ञासा प्रकाशन गाजियाबाद से प्रकाशित काव्य कृति काव्य के स्वर्णिम अक्षर का नवलगढ़ के साहित्यकार कवि रमाकांत सोनी पुस्तक का शीघ्र ही विमोचन करेंगे।...
दिल की महफिल सजाए बैठे हैं | Dil ki mehfil sajaye...
दिल की महफिल सजाए बैठे हैं
( Dil ki mehfil sajaye baithe hain )
भरी बरसात में आके आज हम नहाए बैठे हैं
दिलवाले दिल की ये...