अलसायी सी ललचाई सी | Alsai si lalchai si | Kavita
अलसायी सी ललचाई सी
( Alsai si lalchai si )
अलसायी सी ललचाई सी, दंतों से अधर दबायी सी।
सकुचाई सी शरमाई सी, मनभाव कई दर्शायी सी।
घट...
जुल्म की इंतेहा | Zulm ki inteha | Chhand
जुल्म की इंतेहा
( Zulm ki inteha )
मनहरण घनाक्षरी
जुल्मों सितम ढहाए,
नयनों में नीर लाए।
बेदर्दी लोग जुलमी,
दिल को जला गए।
पत्थर दिल वो सारे,
जिनके नखरे न्यारे।
अपना बनाके...
वृद्धाश्रम | Bridhashram Chhand
वृद्धाश्रम
( Bridhashram )
मनहरण घनाक्षरी
पावन सा तीर्थ स्थल,
अनुभवों का खजाना।
बुजुर्गों का आश्रय है,
वृद्धाश्रम आइए।
बुजुर्ग माता-पिता को,
सुत दिखाते नयन।
वटवृक्ष सी वो छाया,
कभी ना सताइए।
हिल मिलकर सभी,
करें...
जीवन संसय | Jeevan sansay
जीवन संसय
( Jeevan sansay )
जन्म की पीड़ मिटी ना प्यास बुझी, इस नश्वर तन से।
अभी भी लिपटा है मन मेरा, मोह में मोक्ष को...
इतनी सी कमीं है | Itni si kami hai
इतनी सी कमीं है
( Itni si kami hai )
पत्थर सा नही हूँ मैं मुझमे भी नमीं हैं।
बस दर्द बया कर देता हूँ इतनी सी...
बादल | Badal par chhand
बादल
( Badal )
जलहरण घनाक्षरी
काले काले मेघा आओ,
बरस झड़ी लगाओ।
व्योम में कड़क रही,
बिजलियां कड़ कड़।
बारिश की बूंदे प्यारी,
सबको सुहाती सारी।
बादल गरज रहे,
अंबर में गड़ गड़।
नभ...
नरक का द्वार | Narak ka dwar | Kavita
नरक का द्वार
( Narak ka dwar )
नैन दिखा मां बाप को,
खोले नरक के द्वार।
अभिशापों की जिंदगी,
मत जीओ संसार।
कच्ची कलियां नोंचतें,
करते जो पापाचार।
नरक द्वार खोलते,
पापी...
प्यार करने की हो गयी भूल है | Pyar wala shayari
प्यार करने की हो गयी भूल है
( Pyar karne ki ho gayi bhool hai )
प्यार करने की हो गयी भूल है ?
अब सताती दिल...
समझौता जिंदगी से | Poem Samjhauta Zindagi se
समझौता जिंदगी से
( Samjhauta zindagi se )मात्रा भारत 12-12
डगर डगर पर हमने,
तूफानों को देखा।
समझोता जीवन में,
बदलता किस्मत रेखा।
रिश्तो में मधुरता हो,
प्रेम पावनता मिले।
पुनीत संस्कार...
हर पल दिल बस तुझको देखे | Hindi romantic geet
हर पल दिल बस तुझको देखे
(Har pal dil bas tujhko dekhe )
हवाओं में फिजाओं में, धड़कनों सदाओं में।
मौसम की बहारों में, सावन की घटाओं...