Poem Ehsaas Tera Pyar

एहसास तेरा प्यारा | Poem Ehsaas Tera Pyar

एहसास तेरा प्यारा

( Ehsaas Tera Pyar )

 

जाने क्यों दिल को लगता, एहसास तेरा प्यारा।
बज उठते तार दिल के, बोले मन का इकतारा।

क्यों ख्वाबों में चेहरा ये, मुस्कानों के मोती सा।
नैनों में झलक आता, विश्वास दिव्य ज्योति सा।

सुर संगीत की तुम मधुर, दिव्य धारा लगती हो।
छेड़े वीणा के तार कोई, गीत प्यारा लगती हो।

ऐसा लगता है धड़कन में, सांसों में बसेरा है।
बजता संगीत प्यारा सा, दिल में सुर तेरा है।

इन नयनों को चैन आता, देखकर चेहरा तेरा।
होठों पे तराने उमड़े, आंखें तकती रस्ता तेरा।

दूर होकर भी पास हो, कैसा यह एहसास तेरा।
खोल दी खिड़कियां, दिल को है आभास तेरा।

कवि : रमाकांत सोनी

नवलगढ़ जिला झुंझुनू

( राजस्थान )

यह भी पढ़ें :

उठी कलम | Kavita Uthi Kalam

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *