रिश्ते बिंदास अच्छे लगते हैं | Rishte Bindas
रिश्ते बिंदास अच्छे लगते हैं
( Rishte bindas achhe lagte hain )
खिलते फूल चमन मे प्यारे अच्छे सच्चे लगते हैं।
मधुरता घोलते रिश्ते सब बिंदास अच्छे लगते हैं।
स्नेह सुधा अविरल धारा अपनापन अनमोल प्यारा।
सद्भावों की खुशबू महके खुशियों भरा चमन हमारा।
रिश्तो की डोर नाजुक चेहरे मुस्कुराते अच्छे लगते हैं।
मीठे बोल हो प्यारे प्यारे खिलखिलाते अच्छे लगते हैं।
भरा पूरा परिवार हो सारा उमड़ रही नेह की धारा।
एक दूजे पर जान लुटाते रिश्तो का संसार हमारा।
जहां बड़ों की छत्रछाया आशीषो से झोली भरते हैं।
संस्कारों से घर सजाते मिलके सब हंसकर रहते हैं।
हंसी खुशी में दिन कटते कितने प्यारे बच्चे लगते हैं।
सब साथ मिले खुशियां रिश्ते बिंदास अच्छे लगते हैं।
कवि : रमाकांत सोनी
नवलगढ़ जिला झुंझुनू
( राजस्थान )