Essay in Hindi on Sustainable Development Goals and India
Essay in Hindi on Sustainable Development Goals and India

निबंध : सतत विकास का लक्ष्य और भारत

( Sustainable Development Goals and India : Essay in Hindi )

प्रस्तावना

सतत विकास सिद्धांत का संबंध एक ऐसे विचार से हैं जो हमारी भावी पीढ़ी की अपनी जरूरतों को पूरा करने की योग्यता को प्रभावित करें बिना वर्तमान समय की आवश्यकता को पूरा करता है। भारतीयों के लिए पर्यावरण संरक्षण, सतत विकास का अंग है।

यह कोई नई अवधारणा नहीं है। भारत में पर्यावरण और वन्य जीव का संरक्षण हमेशा से होता रहा है। यह हमारे दैनिक जीवन में भी प्रतिबिंबित होता रहा है। पौराणिक कथाओं, धर्मों राजनीति में वर्णित है।

सतत विकास लक्ष्य

ट्रांसफॉर्म आवर वर्ल्ड: 2030 एजेंडा फॉर सस्टेनेबल डेवलपमेंट के संकल्प को सतत विकास लक्ष्य के नाम के तौर पर भी जाना जाता है। भारत सहित 193 देशों ने सितंबर 2015 में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक में इसे स्वीकार किया था।

इसे पूर्ण रूप से एक जनवरी 2016 से लागू किया गया। सतत विकास लक्ष्य का उद्देश्य सबके लिए समान न्याय संगत, सुरक्षित, शांतिपूर्ण, समृद्धि तथा रहने योग्य विश्व का निर्माण करना तथा विश्व के तीनों पहलू अर्थात सामाजिक समावेश, आर्थिक विकास तथा पर्यावरण संरक्षण को व्यापक रूप से समाविष्ट करना है।

सहस्त्राब्दी विकास लक्ष्य के बाद सतत विकास लक्ष्य निर्धारित किए गये। मालूम हो कि वर्ष 2000 से 2015 के लिए सहस्राब्दी विकास लक्ष्य निर्धारित किए गए थे।

इसके अंतर्गत विकसित इन नए लक्ष्यों का उद्देश्य विकास के अधूरे कार्यो को पूरा कर देते व ऐसे विश्व की संकल्पना को मूर्त रूप देना था जिसमें कम चुनौतियां हो और उम्मीदें अधिक हो।

सतत विकास लक्ष्य हमारे दर्शन और विचारधारा का मूल सिद्धांत रहा है। सतत विकास लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अनेक मोर्चों पर कार्य करते हुए राष्ट्रीय महात्मा गांधी की याद आती है।

उन्होंने चेतावनी दी थी कि धरती प्रत्येक व्यक्ति की आवश्यकताओं को तो पूरा करती है पर व्यक्ति के लालच को नहीं। भारत लंबे समय से सतत विकास के पथ पर अग्रसर रहा है।

हाल में विश्वव्यापी आर्थिक संकट के बावजूद विकास के अस्तित्व बनाए रखने में भारत सफल रहा है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय सबसे निर्धन वर्ग के कल्याण को हमेशा प्राथमिकता दी।

इसलिए वर्ष 2030 तक सतत विकास एजेंडा में निर्धनता को पूर्ण रूप से समाप्त करना इसका पहला लक्ष्य निर्धारित किया गया है।

यह हमारा नैतिक दायित्व भी है, साथ ही शांतिपूर्ण और चिरस्थाई विकास को सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक भी है।

भारत सरकार का प्रयास

भारत सरकार द्वारा कार्यान्वित की जा रही अनेक कार्यक्रम सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप है, जिसमें मेक इन इंडिया, स्वच्छ भारत अभियान, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल कार्यक्रम, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, प्रधानमंत्री आवास योजना, ग्रामीण तथा शहरी आवास योजना,  प्रधानमंत्री सड़क योजना, डिजिटल इंडिया, स्किल इंडिया, दीनदयाल उपाध्याय ग्राम ज्योति योजना आदि शामिल है।

इसके अलावा बजट आवंटन में भी बुनियादी सुविधाओं के विकास के साथ गरीबी को समाप्त करने से जुड़े अनेक कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया जाता रहा है।

भारत में सतत विकास लक्ष्य को पूरा करने के लिए अनेकों कार्य हो रहा है, जिससे हमारे पृथ्वी और पर्यावरण के अनुकूल बेहतर जीवन जीने के लिए देशवासियों की इच्छा को पूर्ण किया जा सके।

भारत में केंद्रीय सरकार द्वारा सतत विकास लक्ष्य के कार्यान्वयन पर निगरानी रखने के लिए नीति आयोग को इसकी जिम्मेदारी सौंपी गई है।

हमारे देश के संघीय ढांचे में सतत विकास लक्ष्यों के संपूर्ण सफलता में राज्यों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। राज्यों के विभिन्न राज्य स्तरीय विकास योजनाएं कार्यान्वित की जा रही हैं।

योजनाओं का सतत विकास लक्ष्यों के साथ तालमेल होना आवश्यक है। केंद्र तथा राज्य सरकारें सतत विकास लक्ष्य के कार्यान्वयन में आने वाली चुनौतियों का मुकाबला करने के लिए मिलकर काम करें तो बेहतर होगा।

एजेंडा 2030 के संदर्भ में भारत के प्रगति की स्थिति

भारत लंबे समय से सतत विकास के लक्ष्य पर अग्रसर रहा है। इसके मूलभूत सिद्धांत को अपने विभिन्न विकास नीतियों में शामिल किया जाता रहा है।

भारत सरकार ने विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत एजेंडा 2030 के एक महत्वपूर्ण लक्ष्य के रूप में गरीबी को दूर करने के उद्देश्य के लिए सबसे निर्धन वर्ग के कल्याण को प्राथमिकता दी है। सरकार द्वारा कार्यान्वित की जा रहे अनेक कार्यक्रम सतत विकास कार्यक्रम लक्ष्यों के अनुरूप है।

सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय द्वारा संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक परिषद द्वारा प्रस्तावित संकेतों को वैश्विक सूची से उन संकेतों की पहचान करना है जो हमारे राष्ट्रीय संकेतक राज्य के अंतर्गत अपनाए जाते हैं।

इसमें जो परिणाम प्राप्त होते हैं उससे राष्ट्रीय समीक्षा प्रक्रिया को प्रयोग में लाया जाता है। भारत में यदि एजेंडा 2030 में लक्ष्य को प्राप्त करना है तो इसके लिए रणनीतियां बनानी होगी तथा सभी क्षेत्रों में उसे कार्यान्वित करने के लिए समन्वय स्थापित करना होगा।

यदि भारत सतत विकास के लक्ष्यों को वर्ष 2030 तक प्राप्त कर लेता है तो भारत एक विकसित तथा समृद्ध राष्ट्र बन सकता है।

लेखिका : अर्चना  यादव

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