“प्रकृति व स्त्री विमर्श”: स्त्रीत्व की नई रचना, डॉक्टर सुमन धर्मवीर...

डॉक्टर सुमन धर्मवीर जी की पुस्तक - "प्रकृति व स्त्री विमर्श " पढना शुरु किया --- लेखिका के लेखन मे प्राण है। नया जीवन है---- 🙏🏻🙏🏻 मन लग जाता...

अक्ल नहीं है | Ghazal Akal Nahi Hai

अक्ल नहीं है (Akal Nahi Hai )   अक्ल नहीं है उस जाहिल में खोया दिल उसका ग़ाफ़िल में रब टाल मुसीबत सर पे है जा है मेरी तो मुश्किल...

हसद | ईर्ष्या

हसद ( Hasad )   हज़ारों रत्न उसके तकिये के नीचे हैं, मगर मेरे इक पत्थर पर वो मरता है, उसकी इक नज़र तरसते हैं रत्न उसके, उन्हें भूलके मेरे...

शेखर की कविताएं | Shekhar Hindi Poetry

मन रे मन रे… तू क्यों उदास छोड़ मायावी आस समझ मरीची चाल उगा न काटें मन बगीचा में महका सुरभि समय कंटीका में नैया भंवर फंसी है राम-रहीम सूक्ति में किनारा तू पा ले मुक्ति...

स्नेहका संचार | Kavita Sneh ka Sanchar

स्नेहका संचार ( Sneh ka Sanchar )   आदमी का मानवीय व्यवहार होना चाहिए ! हर हृदय में स्नेह का संचार होना चाहिए !! खिल सके अपना चमन, यह एकता के...

हाय रे बेरोजगारी | Kahani Berojgari

एक पुस्तक की दुकान पर बहुत से बच्चे जाब का फॉर्म देख रहे थे। उसी में एक फॉर्म डोम की भर्ती का भी निकला...

हमरा आँखी में लोर के जहान बाटे | Bhojpuri Kavita Hamra...

हमरा आँखी में लोर के जहान बाटे   जेकरा बाटे खाके पी के उतान बाटे आ हमरा घर में नून ना पिसान बाटे। केहू बाकि अंगूरी से चान...

शाश्वत प्रश्न | Kavita Shaswat Prashn

शाश्वत प्रश्न ( Shaswat Prashn )   मैं कौन हूं आया कहां से हूं यहां ! यह नहीं मालूम, है पुन: जाना कहां !! किसलिए हैं आए जगमें, और फिर क्यौं...

भूलना अच्छा लगता है | Geet Bhulna Acha Lagta Hai

भूलना अच्छा लगता है ( Bhulna Acha Lagta Hai )   वो काली अंधियारी रातें, अपनों की तीरों सी बातें। रह रहकर दर्द दे जाए, संकट में...

ऐ मेरे गाँव | Aye Mere Gaon

ऐ मेरे गाँव ( Aye Mere Gaon )   ऐ मेरे गाँव की रौशन गलियाँ तुम यूँही मेरी राहें तकना, हाँ हम लौटके आएंगे ज़रूर, तुम आँखें...