अरुणोदय | Kavita Arunoday

अरुणोदय ( Arunoday )   सूरज ने अरूणिम किरणों से वातायन रंग डाला ! लगे चहकने पंछी नभ में अनुपम दृश्य निराला !! ताल तलैया नदी सरोवर मिल स्वर्णिम रस घोले! लगे...

खुश लोक सभागार में गूंजे शब्दों की तालियां, शायर विनय सागर...

शुभम मैमोरियल साहित्यिक एवं सामाजिक संस्था ने कविसम्मेलन व सम्मान समारोह का आयोजन शायर विनय साग़र जायसवाल (मेरी ) अध्यक्षता में ख़ुश लोक सभागार...

क्यो अख़बार हुए सफल? जबकि ढेर लगी हैं चैनलों की

आज बेटे का जन्मदिन हैं। सुबह-सुबह उसे अख़बार पढ़ते देख, याद आया की आज तो 3 मई हैं! यानी विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस, उसके...

क्योंकि वो मां थी | Kahani Kyonki wo Maa Thi

घर में सन्नाटा छाया हुआ था। सभी एक दूसरे का मुंह देख रहे थे। कोई किसी से कुछ बोल नहीं रहा था । अब...

पूर्ण विराम अंत नहीं | Kavita Purn Viram

पूर्ण विराम अंत नहीं ( Purn Viram Ant Nahi )   पूर्ण विराम अंत नहीं, नए वाक्य की शुरुआत है सकारात्मक सोच प्रशस्त, नवल धवल अनुपम पथ । असफलता...

पतझड़ सावन बन जाता है | Geet Patjhad

पतझड़ सावन बन जाता है दुआओं से झोली भरकर जब जीवन मुस्कुराता है। सारी बलाएं टल जाती पतझड़ सावन बन जाता है। पतझड़ सावन बन जाता है रोज...

“प्रकृति व स्त्री विमर्श”: स्त्रीत्व की नई रचना, डॉक्टर सुमन धर्मवीर...

डॉक्टर सुमन धर्मवीर जी की पुस्तक - "प्रकृति व स्त्री विमर्श " पढना शुरु किया --- लेखिका के लेखन मे प्राण है। नया जीवन है---- 🙏🏻🙏🏻 मन लग जाता...

अक्ल नहीं है | Ghazal Akal Nahi Hai

अक्ल नहीं है (Akal Nahi Hai )   अक्ल नहीं है उस जाहिल में खोया दिल उसका ग़ाफ़िल में रब टाल मुसीबत सर पे है जा है मेरी तो मुश्किल...

हसद | ईर्ष्या

हसद ( Hasad )   हज़ारों रत्न उसके तकिये के नीचे हैं, मगर मेरे इक पत्थर पर वो मरता है, उसकी इक नज़र तरसते हैं रत्न उसके, उन्हें भूलके मेरे...

शेखर की कविताएं | Shekhar Hindi Poetry

मन रे मन रे… तू क्यों उदास छोड़ मायावी आस समझ मरीची चाल उगा न काटें मन बगीचा में महका सुरभि समय कंटीका में नैया भंवर फंसी है राम-रहीम सूक्ति में किनारा तू पा ले मुक्ति...