Monthly Archives: October 2020
जागल बिहारी : निकलल नेताजी के होशियारी
जागल बिहारी : निकलल नेताजी के होशियारी
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बिहार के जनता-
भूल गईल बा मंदिर मस्जिद,
आ भूल गईल बा जाति मजहब;
भैया हो ! अबकी चुनाव में-
बिहारी कइले...
Ghazal | भरोसा क्या बहारों का
भरोसा क्या बहारों का
( Bharosa Kya Baharon Ka )
गुलों को खुद खिला लेना भरोसा क्या बहारों का।
खुदी से दोस्ती करना भरोसा क्या है यारों...
लग रहा जैसे हो सजा जीवन
लग रहा जैसे हो सजा जीवन
लग रहा जैसे हो सजा जीवन!
इस कदर ग़म से भर गया जीवन
जी न पाया कभी ख़ुशी के पल
ग़म की...
कृपा करो माँ पार्वती
कृपा करो माँ पार्वती
(दुर्गा-अष्टमी पर विशेष)
कृपा करो माँ पार्वती।
संहार , पालन, रचने वाली, तुम्ही तो हो आदिशक्ति।।
लाल चुनरिया ओढ सिंह पर, चढी भक्तों का...
ट्वीटर की धृष्टता
ट्वीटर की धृष्टता
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ट्वीटर वालों ने
हमारे देश की आजादी,
संप्रभुता, उदारता
से खिलवाड़ किया है
धृष्टता की है,मूर्खता की है
इतना ही नहीं तकनीकी खामी बता-
आरोपों से बचने की...
होता उसका अब नहीं दीदार है
होता उसका अब नहीं दीदार है
होता उसका अब नहीं दीदार है
राहों में मेरी खड़ी दीदार है
बोलता मुझसे नहीं वो आजकल
वो मुझे लगता खफ़ा ही...
यहां रह जाती यादें बाकि
यहां रह जाती यादें बाकि
बंदा चला जाता फिर , यहां रह जाती यादें बाकि।
तब छौङ करके पीछे वो ,अपने सभी वादे बाकि।।
किस-किस से जाने...
अनोखा फैसला
अनोखा फैसला
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सुन आई हंसी
और हुआ आश्चर्य
जब फैसला सुनाया गया
भाई! मुझसे तो ना रहा गया
दुनिया का अनोखा
और संभवतः इकलौता है मामला
पहले भी आपने बाबरी मस्जिद...
पुरस्कार मिले या तिरस्कार
पुरस्कार मिले या तिरस्कार
यथार्थ की धरातल पर
खड़े होकर ,
सच को कर लूँगा स्वीकार
पुरस्कार मिले या तिरस्कार |
ना कभी डगमगाऊंगा ,
कभी नहीं घबराऊंगा ,
झंझावातों से...
आती रौनक बस तेरे आने से
आती रौनक बस तेरे आने से
आती रौनक बस तेरे आने से।
गुल खिल जाते तेरे मुस्काने से।।
करते अटखेली गालों से गेसू ।
कलि खिलती ज्यूं भंवर...