Monthly Archives: March 2022

हे भोले हे भंडारी | Kavita he bhole he bhandari

हे भोले हे भंडारी ( He bhole he bhandari )   हे भोले हे भंडारी   वो दुनिया थी और अब आ गया कलयुग घोर   ज़हर जो तूने समा लिया था कंठ में वो अब फैल गया है सब...

चुलबुली तेरी एक झलक | Kavita chulbuli teri ek jhalak

चुलबुली तेरी एक झलक ( Chulbuli teri ek jhalak )   चुल्बुली  तेरी एक झलक के लिए बेकरार रहता हूं जिस्म मैं अपने शहर और दिल तेरे पास...

हृदय के गाँठ | Kavita hriday ke ganth

हृदय के गाँठ ( Kavita hriday ke ganth )   1. हृदय के गाँठ खोल के,आओ बात बढाते है। परत दर परत गर्द है, आओ उसे उडाते है। ये दुनिया...

होली आई रे, होली आई | Best poem on holi

होली आई रे, होली आई ( Holi aayi re, holi aayi )   गोरा गोरा गाल गुलाबी, गोरी रंग लेकर आई। फागुन आयो रंग रंगीलो, उर उमंग मस्ती...

अनहोनी | Kavita anhoni

अनहोनी ( Anhoni )   अनहोनी सी घट रही अब दो देशों की लड़ाई में विश्वयुद्ध के कगार पे जग सदी जा रही खाई में   लड़ाकू विमान बमबारी विध्वंसक...

होली पर निबंध | Essay in Hindi on Holi

 होली पर निबंध ( Holi essay in Hindi )प्रस्तावना - होली भारत का एक लोकप्रिय और विश्व प्रसिद्ध त्यौहार है। होली का त्योहार प्रमुख रूप से...

नुक्कड़ वाली चाय | Kavita nukkad wali chai

नुक्कड़ वाली चाय ( Nukkad wali chai )   तरोताजा सी भावन लगती नुक्कड़ वाली चाय हर्ष और आनंद लाती मधुर नुक्कड़ वाली चाय   बड़े-बड़े गुलछर्रे चलते वादों की...

चुलबुली की यादें | Poem Chulbuli

चुलबुली की यादें ( Chulbuli ki yaadein )   ये गर्म सर्द हवाओ की साजिश है कि बिखर जाउँ मैं तेरे  शहर  आऊं  और  तेरी बाहों में सिमट...

यहाँ चल रही नफ़रतों की फ़िज़ां है | Ghazal nafraton ki...

यहाँ चल रही नफ़रतों की फ़िज़ां है! ( Yahaan chal rahi nafraton ki fiza hai )    यहाँ  चल रही नफ़रतों की फ़िज़ां है! खिलेंगे नहीं प्यार के...

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर नवलगढ़ में कवयित्रीयों का महाकुंभ

नवलगढ़। अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के मौके पर इस बार नवलगढ़ में वृहद कवि सम्मेलन होगा। शब्दाक्षर संस्था झुंझुनू शाखा व राष्ट्रीय कवि चौपाल प्रकाशन...