मासिक आर्काइव: अप्रैल 2022
धरती | Muktak dharti
धरती
( Dharti )
धरा मुस्कुराई गगन मुस्कुराया।
खिल गए चेहरे चमन हरसाया।
बहती बहारों में खुशबू यू आई।
धरती पर चांद उतरकर आया।
धरती अंबर चांद सितारे।
हिल मिलकर रहते...
मजदूर | Poem mazdoor
मजदूर
( Mazdoor )
मजदूर दिवस पर रचना
मुश्किल से टकराता है
मेहनत को वो अपनाता है
गरम तवे की रोटी खातिर
परदेस तलक वो जाता है
हाथों का हुनर...
आमा | Aama
आमा
( Aama )
। सम्पूर्ण आमाहरु मा समर्पित। ।
आमा त्यि झ्याल हुन्, जसबाट एक अबोध शिशुले पहिलो पटक दुनियालाई हेर्छ। शिशु आमाको त्यो अंश...
हंसना भी छोड़ दी मैंने | Poem hansana bhi chhod di...
हंसना भी छोड़ दी मैंने
( Hansana bhi chhod di maine )
1. हँसना भी छोड़ दी
हँसना भी छोड़ दी मैने, रोना भी छोड़ दी मैने।
कैसे...
जीवन की आधारशिला | Poem jeevan ki aadharshila
जीवन की आधारशिला
( Jeevan ki aadharshila )
सत्य सादगी सदाचार है जीवन की आधारशिला।
सद्भाव प्रेम से खिलता हमको प्यारा चमन मिला।
पावन पुनीत संस्कार ही संस्कृति...
ले हाथों में इकतारा | Geet le hathon mein iktara
ले हाथों में इकतारा
( Le hathon mein iktara )
गली-गली घुमा करता ले हाथों में इकतारा।
सात सुरों के तार जोड़ संगीत सुनाता प्यारा।
शब्द शब्द मोती...
मंजिल | Motivational poem
मंजिल
( Manzil )
लक्ष्य साध कर चलने वाले मंजिलों के पार हुए।
मिल गई सफलता उन्हें विजय वही हर बार हुए।
मंजिलों की ओर बढ़ते विघ्न बाधाओं...
बड़े बुजुर्गों का सम्मान कीजिए | Poem bade bujurgon ka samman...
बड़े बुजुर्गों का सम्मान कीजिए
( Bade bujurgon ka samman kijiye )
माता, पिता, बड़े बुजुर्गों का सम्मान कीजिए,
अपने बच्चों को बंगला न कार ,संस्कार दीजिए,
कल...
छोड़ दो लड़ना | Poem chod do ladna
छोड़ दो लड़ना
( Chod do ladna )
गोलियां पत्थर चले है देखो ऐसे बेपनाह
हो गये है नाम पर महजब के दंगे बेपनाह
मासूमों के जिस्म पर...
तुलसीदास जी | Chhand Tulsidas Ji
तुलसीदास जी
( Tulsidas Ji )
मनहरण घनाक्षरी
तुलसी प्यारे रामजी,
राम की कथा प्यारी थी।
प्यारा राम रूप अति,
रामलीला न्यारी थी।
राम काव्य राम छवि,
नैनों में तुलसीदास।
रामचरितमानस,
राम कृपा...