Monthly Archives: April 2022

निबंध : सामाजिक आर्थिक विकास में गैर सरकारी संगठनों की भूमिका

सामाजिक आर्थिक विकास में गैर सरकारी संगठनों की भूमिका ( Role of NGOs in Socio-Economic Development : Essay in Hindi )   प्रस्तवना :- सरकार और गैर सरकारी...

चांद फिर निकला | Poem chand phir nikla

चांद फिर निकला ( Chand phir nikla )   चांद फिर निकला है लेकर रवानी नई। मधुर इन गीतों ने कह दी कहानी नई।   बागों में बहारें आई कली...

रोज़ बदलता है इंसान | Ghazal roz badalta hai insaan

रोज़ बदलता है इंसान  ( Roz badalta hai insaan )   रोज़ बदलता है इंसान भी हालात के साथ जैसे कि बदलते हो दिन कोई रात के साथ।   कर...

तपती दोपहरी | Poem tapti dopahar

तपती दोपहरी ( Tapti dopahar )   सन सन करती लूऐ चलती आसमां से अंगारे। चिलचिलाती दोपहरी में बेहाल हुए पंछी सारे।   आग उगलती सड़कें चौड़ी नभ से ज्वाला...

गाँव | Gaon par chhand

गाँव ( Gaon )मनहरण घनाक्षरी   टेडी मेडी पगडंडी, खलिहानों की वो क्यारी। ठंडी-ठंडी बहारों में, गांव चले आइए।   मीठे मीठे बोल मिले, सद्भाव प्रेम गांव में। हरे भरे पेड़ पौधे, ठंडी छांव...

तेरी हर बात | Poem teri har baat

  तेरी हर बात ( Teri har baat )    कभी चैत्र- बैसाख की पवित्र गरिमा लिये कभी गर्म लू सी ज्येष्ठ- आषाढ़ की तपन लिये   कभी सावन-भादों सी छमाछम...

हमारी विरासत हमारी धरोहर | Poem hamari virasat

हमारी विरासत हमारी धरोहर ( Hamari virasat hamari dharohar )    शौर्य पराक्रम ओज भरा दमकता हो भाल जहां। हम उस देश के वासी हैं बहती प्रेम रसधार...

दर्द के चेहरे पे भी उल्लास बन | Ghazal dard ke...

दर्द के चेहरे पे भी उल्लास बन ( Dard ke chehre pe bhi ullas ban )    दर्द  के  चेहरे  पे  भी  उल्लास बन ! बन अगर सकता...

बाजार | Geet bazaar

बाजार ( Bazaar )   नफरत का बाजार गर्म है स्वार्थ की चलती आंधी। निर्धन का रखवाला राम धनवानों की होती चांदी। बिक रहे बाजार में दूल्हे मोटर कार...

भूले से चेहरे | Geet bhoole se chehre

भूले से चेहरे  ( Bhoole se chehre )    भूले  से  चेहरे  कितने  ही, आँखों में घिर आए हैं ! अपना भी चेहरा है उनमें, या हम फिर...